मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत आगामी 10 जून और 17 जून प्रदेश के सभी जिलों में शादी समारोह का आयोजन किया जाएगा। इसमें एक साथ जरूरतमंद परिवारों की बेटियों के विवाह कराए जाएंगे। सरकार ने प्रत्येक जिले को अपने यहां 150 सामूहिक विवाह कराने का लक्ष्य दिया गया है। 10 जून और 17 जून को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत होने वाले शादी समारोह में सांसद, विधायक और जिले के प्रतिष्ठित लोग शामिल होंगे और यह सभी लोग वर-वधू को आशीवार्द देंगे।
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शादी के चढ़ावे में नहीं आया सोने का झुमका तो दूल्हन ने विदाई से किया इंकार, फिर जो हुआ… सभी धर्मों की होती हैं एक साथ शादियां योगी सरकार गरीब बेटियों की शादी कराने के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना चला रही है। सर्वधर्म-समभाव व सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर 2017 से संचालित है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विभिन्न समुदाय एवं धर्मों के रीति-रिवाजों के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम कराए जाते हैं। इस योजना का उद्देश्य विवाह में होने वाले अनावश्यक फिजूलखर्ची को खत्म करना और गरीब बेटियों की ऐसी शादी कराना जिसका इंतजाम जिले के वीआईपी करें।
हर जोड़े को मिलेगी इतनी धनराशि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सरकार प्रत्येक जोड़े की शादी पर 51 हजार रुपये खर्च करती हैं। जिसके तहत शादी करने वाले जोड़े के दांपत्य जीवन में खुशहाली एवं गृहस्थी की स्थापना के लिए कन्या के खाते में 35 हजार रुपये दिए जाते हैं। विवाह संस्कार के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कपड़े, बिछिया, पायल, बर्तन आदि के लिए 10 हजार रुपये खर्च दिया है। इसके अलावा प्रत्येक जोड़े के विवाह आयोजन पर सरकार छह हजार रुपये खर्च करती है।