पार्टी आलाकमान जहां कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पिछड़ों को रिझाना चाहती है, वहीं विधायक आराधना मिश्रा के जरिये ब्राह्मण वोटरों को सहेजने की कोशिश है। आराधना मिश्रा को विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके अलावा यूपी कांग्रेस कमेटी में भी नये चेहरों को शामिल कर जातीय व सामाजिक समीकरण साधने की कोशिश की है।
विधानसभा उपचुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी में बड़ा फेरबदल हुआ है। राजबब्बर को हटाकर कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता अजय कुमार लल्लू को यूपी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही आराधना मिश्रा को विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी सौंपी गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस पार्टी अब सोशल इंजीनियरिंग के सहारे कांग्रेस यूपी का समर जीतने की जुगत में है।
…तो इसलिए दिग्गजों को पछाड़कर अजय कुमार लल्लू बने कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष, सामने आई बड़ी वजह
कौन हैं अजय कुमार लल्लू?
अजय कुमार लल्लू उत्तर प्रदेश के कुशीनगर की तमकुहीराज विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के विधायक हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने भाजपा के जगदीश मिश्र को हराया था। वर्तमान में अजय कुमार लल्लू यूपी विधानसभा में कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता हैं। छात्र राजनीति और कई सामाजिक मुद्दों पर जेल जा चुके अजय कुमार लल्लू को सवर्णों के खिलाफ राजनीति करने वाले नेता के तौर पर जाना जाता है। लल्लू के बारे में यह भी कहा जाता है कि उन्हें कांग्रेस नहीं, बल्कि व्यक्तिगत तौर पर वोट मिलते हैं। इसके अलावा कांग्रेस में उनकी पहचान जमीनी नेता की है, दूसरों की तरह वह दिल्ली की परिक्रमा कम करते हैं।
आराधना मिश्रा जिन्हें मोना मिश्रा के नाम से भी जाना जाता है, वर्तमान में वह प्रतापगढ़ जनपद की विधानसभा क्षेत्र रामपुर खास से कांग्रेस की विधायक हैं। आराधना कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी की पुत्री हैं। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें विधायक दल के नेता की जिम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस पार्टी की नजर आराधना मिश्रा के जरिये ब्राह्मण वोटर्स पर है।