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MP-CG और राजस्थान में जीत के बाद यूपी विजय के लिए कांग्रेस ने बनाया मास्टर प्लान, इन नेताओं को दी बहुत बड़ी जिम्मेदारी

locationलखनऊPublished: Dec 17, 2018 02:23:07 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में जीत से उत्साहित कांग्रेस की नजर अब 2019 के लोकसभा चुनावों पर है

 Uttar Pradesh Congress

MP-CG और राजस्थान में जीत के बाद यूपी विजय के लिए कांग्रेस ने बनाया मास्टर प्लान, इन नेताओं को दी बहुत बड़ी जिम्मेदारी

लखनऊ. राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में जीत से उत्साहित कांग्रेस की नजर अब 2019 के लोकसभा चुनावों पर है। भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ ही कांग्रेस की भी नजर सूबे के सबसे बड़े जाति समूह ओबीसी पर है। इसके लिए कांग्रेसियों ने उत्तर प्रदेश में युद्ध स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी हैं। आलाकमान ने पिछड़े कांग्रेसी नेताओं को अपने-अपने क्षेत्रों में बूथ स्तर तक पिछड़ा वर्ग संगठन को गठित करने के निर्देश दिये हैं। इसकी जिम्मेदारी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पिछड़ा वर्ग विभाग के को-आर्डिनेटर एवं प्रदेश प्रभारी अनिल सैनी को सौंपी गई है।
भारतीय जनता पार्टी बीते दिनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की अगुआई में राज्य में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन आयोजित कर चुकी है। अब कांग्रेस की नजर पिछड़ों पर है। इसके लिए पार्टी आलाकमान ने पार्टी पिछड़ा वर्ग संगठन को जिला, ब्लॉक-न्याय पंचायत, ग्राम पंचायत और बूथ स्तर पर गठित करने के निर्देश दिये हैं। पिछड़ों के संगठन की मजबूत करने की जिम्मेदारी जिनको सौंपी गई है, उनमें से एक सदस्य सुनीता निषाद ने बताया कि लोकसभा चुनाव से पहले पिछड़ों को कांग्रेस से जोड़ने के लिए पार्टी ने कई कार्यक्रम बनाये जा रहे हैं। पार्टी का मकसद पिछड़ा वर्ग के नेताओं की समुचित भागीदारी सुनिश्चित कराना है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस पार्टी के पिछड़ा वर्ग सम्मेलनों में राष्ट्रीय नेता भी शामिल होंगे।
इन्हें सौंपी अहम जिम्मेदारी
अनिल सैनी के अलावा राज्य में पिछड़ा वर्ग संगठन बूथ स्तर पर मजबूत करने की जिम्मेदारी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष छोटेलाल चौरसिया, लखनऊ जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गौरव चौधरी, राम गणेश प्रजापति, ममता मौर्या, जयकरन वर्मा, अमरनाथ यादव, पारस नाथ वर्मा, सुनीता निषाद, अब्दुल रहमान, अमर सिंह, समीउल्लाह, शगुन लाल, राजू कश्यप, मकसूद अंसारी, देवेन्द्र कुमार निषाद, मुन्नू मौर्य और निर्मल वर्मा को सौंपी गयी है।
ओबीसी वोटर हर दल की जरूरत
उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या करीब 40-45 फीसदी है। इनमें 10 फीसदी यादव, 3-4 फीसदी लोधी, 4-5 फीसदी कुर्मी-मौर्य और अन्य का प्रतिशत 21 है। ओबीसी के अलावा यूपी में 21-22 फीसदी दलित वोटर, 18-20 फीसदी सवर्ण वोटर और 16-18 फीसदी मुस्लिम वोटर हैं। ओबीसी यूपी में सबसे बड़ा जाति समूह है। यह समुदाय किसी को भी हराने-जिताने में सक्षम है। इसलिये हर दल गुणा-भाग के जरिये इन्हें अपने खेमे में रखना चाहता है।

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