खरीफ की फसल पर संकट, मौसम विभाग की रिपोर्ट भारत मौसम विभाग ने राष्ट्रीय स्तर पर मानसून की बारिश को लेकर जो आंकड़ा जारी किया है, उसके मुताबिक़ सबसे अधिक गिरावट उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में आई है।उत्तर प्रदेश के 32 जनपदों को सूखे की चपेट में बताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक जून-जुलाई के महीने में मानसून की बारिश औसत से अधिक हुई लेकिन अगस्त-सितंबर में यह बारिश औसत से कम हुई और इसने खरीफ की फसलों पर बुरा असर डाला है। खरीफ की मूंग, मूंगफली, उर्द जैसी फसलों पर इसका बुरा असर पड़ा है। कई क्षेत्रों में धान, गन्ने और मक्के की फसल पर भी असर पड़ा है। मौसम विभाग ने खरीफ की फसल में उत्पादन में गिरावट की संभावना जताई है। उत्तर प्रदेश में कई जनपदों में प्रारंभिक स्तर पर शुरू हुए सर्वे में फसलों को नुकसान बताया जा रहा है। मौसम विभाग ने कहा है कि इस वर्ष की स्थिति साल 2014 और 2015 में पड़े सूखे की स्थिति से थोड़ी ही बेहतर रहेगी।
अगस्त-सितंबर में सामान्य से 12.5 फीसदी बारिश कम मौसम विभाग ने जो आंकड़ा जारी किया है उसके मुताबिक़ जून-जुलाई में बारिश औसत से 2.5 प्रतिशत अधिक हुई जबकि अगस्त-सितंबर में 12.5 फीसदी कम बारिश हुई है। देश के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में 10 प्रतिशत कम बारिश बताई गई है। देश के जिन 215 जनपदों में बारिश कम बताई गई है, उनमे 32 उत्तर प्रदेश के हैं। उत्तर प्रदेश में बुंदेलखंड के सभी जनपदों में किसानों ने फसलों के बर्बाद हो जाने की बात कही है। बुंदेलखंड के किसान नेता शिव नारायण परिहार कहते हैं, ‘ बुंदेलखंड के सभी जिलों में सूखे की स्थिति है। इस क्षेत्र में मूंग, उर्फ़ और मूंगफली की फसल बोनस के तौर पर मानी जाती है। अगस्त और सितंबर के महीने में कम बारिश के कारण फसलें मुरझा गई। अब किसानों के सामने संकट है कि वह अगली फसल की बुवाई कैसे करे क्योंकि उसकी सारी लागत खरीफ की फसल के साथ नष्ट हो गई। ‘ बुंदेलखंड के साथ ही सहारनपुर, मेरठ, आगरा, अलीगढ मंडलों के जनपद भी सूखे की चपेट में हैं। मिर्जापुर और सोनभद्र जिलों में भी फसलों का नुकसान हुआ है।
रिपोर्ट के बाद सरकार चौकन्नी, मंत्रियों की बनी कमेटी उत्तर प्रदेश में किसानों के आंदोलन और फसलों के ख़राब होने को लेकर आ रही सूचनाओं के बीच सूखे की स्थिति जायजा लेने के लिए मंत्रियों के तीन समूहों का गठन किया है। प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही और गन्ना विकास मंत्री सुरेश राणा को बुंदेलखंड का जायजा लेने की जिम्मेदारी दी गई है। दोनों मंत्री झाँसी और चित्रकूट मंडलों की रिपोर्ट सरकार को सौपेंगे। दूसरी कमिटी में धर्मार्थ कार्य मंत्री लक्ष्मी नारायण और नगर विकास मंत्री गिरीश चंद्र यादव हैं जिन्हें मेरठ और सहारनपुर मंडलों की स्थिति का जायजा लेने की जिम्मेदारी दी गई है। तीसरी कमिटी में सिचाई मंत्री धर्मपाल सिंह और आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी हैं जो आगरा और अलीगढ मंडलों की रिपोर्ट सरकार को देंगे। पंद्रह दिनों में कमिटी अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौपेगी जिसके बाद किसानों को राहत देने का ऐलान किया जाएगा।