बेड़म पुरी आगरा, फिरोजाबाद और मथुरा में फेमस है। बेड़म पुरी कुरकुरी, तली हुई गेहूं की चपाती होती है। इसे मसालेदार आलू की सब्जी के साथ परोसा जाता है।
इन शहरों में रहने वाले कई लोगों के लिए यह पसंदीदा नाश्ता है। ताजमहल घूमने आए और बेड़मी पूरी का स्वाद लिए बिना चले गए तो आपकी आगरा की यात्रा पूरी नहीं होगी।
बाटी चोखा पूर्वी यूपी में सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है। इसमें गेहूं के आटे की गोल बाटी होती है। चोखा मैश किए हुए आलू, बैगन और टमाटर से बना होता है। इसे देसी घी, हरी चटनी और चाट मसाला के साथ परोसा जाता है।
बाटी मिट्टी के ओवन में बेक की जाती हैं। मिट्टी के ओवन में बेक करने की से अलग तरह की इसकी खुश्बू और स्वाद आता है। कई जगह इसे लिट्टी भी कहा जाता है। बिहार और उत्तर प्रदेश के भोजपुरी क्षेत्र में यह काफी प्रसिद्ध है।
17वीं शताब्दी में हुई थी टुंडे कबाब की शुरूआत
लखनऊ का जिक्र आते ही टुंडे कबाब की याद जरूर आती है। ये कबाब मेमने या भैंस के मांस से बनाए जाते हैं। कबाब को बनाने के लिए 100 से ज्यादा मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। टुंडे कबाब की शुरुआत 17वीं शताब्दी में हुई थी। उस समय नवाब के बुढ़ापे की वजह से दांत टूट चुके थे।
कबाब को चबा कर ही खाया जा सकता है, ऐसे में नवाब ने खाना पकाने की प्रतियोगिता रखी। प्रतिभागियों के लिए चुनौती ये थी कि नवाब के मुंह में जाते ही पिघल जा, स्वाद भी एकदम शानदार हो। पूरे भारत से कई रसोइयों ने कोशिश की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। एक दिन शेफ हाजिद मुराद अली ने एकदम सही कबाब बनाया। नवाब को भी ये कबाब खूब पंसद आया। इस तरह टुंडे कबाब की शुरूआत हुई।
आगरा का मशहूर पेठा कद्दु से बनाया जाता है। सफेद कद्दू को दो से तीन दिनों के लिए पानी में भिगोया जाता है। इसे चीनी की चाशनी में पकाया जाता है। आगरा का पेठा भारत ही नहीं पूरी दुनिया में मशहूर है। आगरा आने वाले विदेशी पर्यटक इसे बड़े चाव से खाते हैं।
ड्राई फ्रूट्स और चांदी वर्क मालपुआ को कास बनाता है
यह यूपी की एक खास मीठी मिठाई है। यह एक डीप फ्राई की हुई मैदा पुरी है, इसे इलायची के फ्लेवर वाली चाशनी में भिगोया जाता है। इसे ड्राई फ्रूट्स और चांदी वर्क से सजाया जाता है।