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सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित की जाय – राज्यपाल

locationलखनऊPublished: Nov 18, 2019 07:16:04 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र की बैठक सम्पन्न

Uttar Pradesh Governor Anandiben Patel

Uttar Pradesh Governor Anandiben Patel

लखनऊः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में राजभवन में आयोजित उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज की शासी निकाय व कार्यकारणी परिषद की बैठक में उन्होंने उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र के निदेशक को निर्देश दिये कि सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए लोक कलाओं की विभिन्न विधाओं के विशेषज्ञों की एक समिति गठित करें, जिसमें इस क्षेत्र से संबंधित सातों राज्यों के लोक कला विशेषज्ञ शामिल हों। समिति से प्राप्त सुझावों के आधार पर ही कार्यक्रमों का आयोजन किया जाये तथा इसमें विशेषज्ञ कलाकारों के साथ-साथ स्थानीय युवा कलाकारों को भी शामिल करें, जिससे वे विशेषज्ञ कलाकारों एवं जनता के सामने अपनी कला का प्रदर्शन कर सकें।

उन्होंने कहा कि परम्रागत लीक से हटकर कुछ नया करने की कोशिश की जानी चाहिए .जिससे देश-विदेश के लोग भी कार्यक्रम देखने आयें। राज्यपाल ने निदेशक को यह भी निर्देश दिये कि बैठक के लिए निर्धारित तिथि से पहले सभी संबंधित राज्यों को बैठक से संबंधित एजेण्डा भेजना सुनिश्चित करें, जिससे वे इसका विधिवत अध्ययन कर बैठक में अपने सकारात्मक सुझाव दे सकें। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों से अच्छी तरह समन्वय बनाकर रखा जाय, जिससे बैठक में किसी तरह की भ्रम की स्थिति पैदा न हो। उन्होंने कहा कि उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रम अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के हों और इनका नियमित रूप से आयोजन किया जाना चाहिए। इससे न केवल लोक कलाओं को संरक्षित करने में मदद मिलेगी, बल्कि इससे पर्यटन क्षेत्र को भी लाभ होगा।

प्रदेश के संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री डा0 नीलकण्ठ तिवारी ने बैठक में सुझाव दिया कि पूरे सांस्कृतिक जोन का सांस्कृतिक मैपिंग कराया जाय, जिसमें क्षेत्र विशेष की सांस्कृतिक धरोहर को शामिल किया जाय। इससे लोक कलाओं को राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय पहचान मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस सांस्कृतिक केन्द्र से संबंधित राज्यों में भी राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम आयोजित किये जाने चाहिए, जिससे वहां की लोक संस्कृति के संरक्षण के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।
बिहार के कला एवं संस्कृति मंत्री प्रमोद कुमार ने कहा कि पारम्परिक कलाओं को बढ़ावा देने केे साथ-साथ युवा कलाकारों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। बैठक में प्रेक्षागृह व शिल्पहाट की जमानत राशि क्रमशः 2,000 और 10,000 रूपये से बढाकर क्रमशः 5,000 व 20,000 रूपये करने के प्रस्ताव पर अनुमोदन पारित हुआ।
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