बुलंदशहर और बिजनौर समेत कुछ स्थानों पर ईवीएम मशीनों में खराबी की वजह से मतदान कुछ समय के लिए बाधित हुआ। बाद में इन्हें ठीक कर लिया गया। आगरा में विकास कार्यों के न होने से नाखुश मतदाताओं ने वोट का बहिष्कार किया। अलीगढ़ के बिजौना बुजुर्ग में भी मतदान के बहिष्कार किया गया। दोपहर तक यहां बूथ सूना पड़ा रहा। प्रत्याशियों को मतदाताओं को वोट डालने के लिए मनाना पड़ा। कम मतदान का असर प्रत्याशियों की जीत पर पड़ेगा इससे उनकी धडकऩें बढ़ गयी हैं।
सुबह मौसम काफी खुशगवार रहा। लोग घरों से निकलकर मतदान केंद्रों में लंबी लाइन में लगे। सुबह 7 बजे शुरू हुए मतदान का प्रतिशत समय के साथ बढ़ता गया। पहले दो घंटा यानी सात से नौ बजे तक कुल मतदान जहां 10.76 प्रतिशत था, वही अगले दो घंटा में काफी बढ़ गया। इसके बाद 11 से एक बजे के बीच भी मतदान केंद्रों पर भीड़ बढ़ती ही रही। एक बजे तक कुल प्रतिशत 38.94 हो गया था। तीन बजे तक 50.39 प्रतिशत मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग किया।
आठ लोकसभा क्षेत्र में 88 प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गयी है। जिन सियासी दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर हैं, उनमें हेमामलिनी-मथुरा, राजबब्बर-फतेहपुर सीकरी और सरकार के मंत्री एसपी सिंह बघेल-आगरा प्रमुख हैं। इन सभी आठ सीटों पर भाजपा ने 2014 में जीत दर्ज की थी। इन आठ सीटों में से नगीना, बुलंदशहर, हाथरस और आगरा सुरक्षित सीट हैं।