तीन सालों में बढ़ी पैदावार उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में पिछले तीन सालों से अनाज उत्पादन का ग्राफ लगातार तेजी से बढ़ रहा है। अनाज उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि की रणनीति पर पिछले दिनों दिल्ली में हुई उच्च स्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश के आंकड़े ने सभी को चौंका दिया। सच्चाई जानने के लिए नीति आयोग (Niti Aayog) की टीम प्रदेश के दौरे पर आई। प्रदेश के अधिकारियों ने उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के प्रयासों से टीम के सदस्यों को अवगत कराया। अधिकारियों ने बताया कि किसानों को आधुनिक खेती के लिए जागरूक करने के नतीजे सकारात्मक रहे। सरकार द्वारा चलाए गए मिलियन फार्मर्स स्कूल (Million Farmers School) ने इस दिशा में बड़ी भूमिका निभाई। इससे किसानों की सोच बदली और बहुफसली खेती पर उनका ध्यान गया। पिछले तीन सालों से मौसम काफी अनुकूल रहा। न सूखे का कोई प्रकोप रहा और न ही किसी दूसरी आपदा की ही दुष्प्रभाव पड़ा। उत्तर प्रदेश कृषि निदेशक सोराज सिंह ने बताया कि फील्ड में तैनात छोटे कर्मचारियों से लेकर जिला कृषि अधिकारी तक को ज्यादा से ज्यादा किसानों के संपर्क में लाने की कोशिश की गई। जिसका नतीजा यह रहा कि किसान जागरूक हुए और उत्तर प्रदेश में उत्पादन का ग्राफ चढ़ता चला गया।
उत्तर प्रदेश ने ऐसे रचा इतिहास – अच्छे किस्म के बीज उपलब्ध कराने के लिए अभियान चला – समय से की गई उर्वरकों की व्यवस्था – कृषि यंत्रों के प्रयोग में करीब दोगुनी वृद्धि
– छोटे किसानों को सुविधाएं देने के लिए 80% छूट पर दी गई मिनी किट – किसानों को कृषि जलवायु क्षेत्र के अनुसार समय से बीज उपलब्ध कराए गए