ब्रेकथ्रू संस्था से अनिका ने कहा कि वैसे तो सोशल मीडिया पर लोग जब लोग ऑनलाइन स्पेस और असल ज़िन्दगी को अलग अलग जगह की तरह देखते हैं। ऑनलाइन में कुछ भी बोलने की आज़ादी का गलत फायदा भी उठाया जाता है और लोग ये नहीं सोचते कि किसी और को किस प्रकार की हानि हो रही है उनकी वजह से। जब किसी लड़की के साथ ऑनलाइन ट्रॉलिंग होती है तब उसका परिवार उसका फोन छीन लेता है मगर ऑनलाइन शोषण करने वाले को कोई कुछ नहीं कहता।
आरजे हर्षिता ने कहा कि अक्सर सोशल मीडिया पर अपने फैन्स से बातचीत के दौरान उन्होंने देखा है कि लोग अपनी तरफ़ ध्यान खींचने के लिए भी ट्रोलिंग करते हैं ताकि हमें गुस्सा आए और हम गुस्से में उन्हें कुछ गलत कहें। हर्षिता ने यह भी कहा कि ऐसे लोगों की तरफ ध्यान नहीं देना चाहिए और फिर भी अगर यह समस्या जारी रहे तो उन्हें ब्लाक कर देना चाहिए। ज़मीनी स्तर से ले कर सोशल मीडिया तक उत्पीड़न किसी भी रूप में बर्दाश्त नहीं करना चहिए। हमें समाज में सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए एक साथ आगे आना होगा और सबके साथ चलना होगा।
अगर कोई आपको परेशान करता है तो सबसे पहले सरकारी महिला हेल्पलाइन जैसे 1090 इत्यादि पर अपनी शिकायत दर्ज करें। इसके अलावा सबूत के रूप में सभी स्क्रीनशॉट सम्भाल कर रखें और ज़रुरत पड़ने पर एफ़आईआर दर्ज करवाएँ। ब्रेकथ्रू संस्था से विनीत ने कहा कि हमें सेफ स्पेस के मुद्दे को समझना होगा और इसे अपने कल्चर में अपनाना होगा। इसके अलावा हमें एक समूह के रूप में आगे बढ़ना होगा ताकि इस समस्या के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जागरूकता फैलाई जा सके।