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तीन नहीं अब यूपी की चार विधानसभा सीटों पर होगा उपचुनाव

locationलखनऊPublished: Mar 02, 2020 02:36:26 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

बुलंदशहर सदर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक वीरेंद्र सिरोही के निधन के बाद एक और विधानसभा सीट रिक्त हो गई है

Uttar Pradesh Vidhansabha uppchunav

राज्य चुनाव आयोग जल्द ही इन सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर सकता है।

लखनऊ. उत्तर प्रदेश की तीन नहीं अब चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव (Uttar Pradesh Vidhansabha uppchunav 2020) हो सकते हैं। सोमवार को भारतीय जनता पार्टी के विधायक वीरेंद्र सिरोही के निधन के बाद बुलंदशहर सदर विधानसभा सीट भी रिक्त हो गई है। इससे पहले दुष्कर्म के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे उन्नाव के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सेंगर की सदस्यता खत्म कर दी गई थी। फर्जी जन्मतिथि विवाद में रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम को हाईकोर्ट ने पहले अयोग्य घोषित कर रखा है। उनका मामला सुप्रीम कोर्ट में है, वहीं फिरोजाबाद की टुण्डला सीट का विवाद अभी हाईकोर्ट में विचाराधीन है। संभावना है कि राज्य चुनाव आयोग जल्द ही इन सीटों पर उपचुनाव की घोषणा कर सकता है।
विधायक वीरेंद्र सिरोही का निधन
सोमवार सुबह 74 वर्षीय बीजेपी विधायक वीरेंद्र सिरोही दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। लंबे समय से वह लीवर की बीमारी से पीड़ित थे। विधायक के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने शोक प्रकट किया है। 2017 के विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी मोहम्मद अलीम खान को हराकर विधायक बने थे। सिरोही बुलंदशहर सीट से कई बार विधायक चुने गये। कल्याण सिंह सरकार में राजस्व मंत्री भी रहे। फिलहाल, वह यूपी विधानसभा में मुख्य सचेतक के पद पर नियुक्त थे।
उम्रकैद की सजा काट रहे कुलदीप सेंगर
दुष्कर्म मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे उन्नाव की बांगरमऊ से विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर की विधासनभा सदस्यता खत्म कर दी गई है। 20 दिसंबर 2019 को सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े सेंगर ने सपा के बदलू खान को हराकर चुनाव जीता था। दुष्कर्म के आरोप तय होने के बाद भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था और अब उनकी सदस्यता रद्द होने का ऐलान भी कर दिया गया है। अधिसूचना के मुताबिक जिस तारीख से कुलदीप सिंह सेंगर को सजा सुनाई गई, उसी दिन से उनकी सदस्यता खत्म मानी जाएगी।
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फर्जी जन्मतिथि विवाद में गई अब्दुल्ला की विधायकी
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी जन्मतिथि विवाद मामले में रामपुर की स्वार सीट से विधायक अब्दुल्ला आजम का निर्वाचन रद कर दिया। चुनाव वक्त अब्दुल्ला आजम की उम्र 25 साल नहीं थी। अब्दुल्ला आजम के खिलाफ चुनाव याचिका साल 2017 में बसपा नेता नबाव काजिम अली ने दाखिल की थी। वर्ष 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला ने पहली बार रामपुर क्षेत्र की स्वार विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। उनकी विधायकी रहेगी या छिनेगी, सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करेगा।
टूंडला से विधायक चुने गये थे बघेल, अब हैं सांसद
फिरोजाबाद की टूंडला विधानसभा सीट का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। वर्ष 2017 के विस चुनाव में एससी के प्रमाण पत्र के आधार पर एसपी सिंह बघेल ने टूंडला विधानसभा से चुनाव लड़ा था। परिणाम के बाद बसपा प्रत्याशी राकेश बाबू ने हाईकोर्ट में पिटीशन दायर करते हुए कहा कि टूंडला सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी, लेकिन भाजपा प्रत्याशी बघेल ओबीसी में आते हैं, उन्होंने गलत रूप से जाति प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव लड़ा है। इसके बाद हाईकोर्ट ने सभी प्रत्याशियों को नोटिस जारी किये थे। इसके बाद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बघेल ने आगरा से सांसदी का चुनाव जीता था।
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