सोमवार को प्रदेश के लगभग सभी हिस्सों में जमकर बादल बरसे। राजधानी लखनऊ में 31 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। सबसे ज्यादा बारिश वाराणसी में हुई। यहां 56 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके अलावा कानपुर में 26, चुर्क में 13.4, झांसी में 5.6, बरेली में 9.2, रायबरेली में 7.8 और आगरा में 1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। आगरा, अलीगढ़ और फतेहगढ़ को छोड़कर प्रदेश में कहीं भी तापमान 35 डिग्री से ज्यादा दर्ज नहीं किया गया। बुंदेलखंड के शहरों में भी बारिश की वजह से तापमान में काफी कमी देखने को मिली। लोगों को उमस से भी राहत मिली। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले चार-पांच दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। इस बीच कहीं पर रुक-रुक कर भी बारिश हो सकती है मगर तापमान में गिरावट से लोगों को उमस व गर्मी से राहत मिलेगी।
आकाशीय बिजली का खतरा मौसम विभाग ने यह आगाह भी किया है कि यूपी में भारी से भारी बारिश हो सकती है। 10 जुलाई के बाद बारिश की रफ्तार धीमी पड़ जाएगी लेकिन तेज हवाओं और आकाशीय बिजली का खतरा बना रहेगा। विभाग के अनुमान के मुताबिक पश्चिमी यूपी में बारिश का जोर आज मंगलवार को थोड़ा कम रहेगा, लेकिन बुधवार से पूर्वी यूपी के साथ पश्चिमी यूपी में भी ज्यादा बारिश होने का संभावना है।
खिले किसानों के चेहरे बारिश होने के चलते किसानों में खुशी है। बाराबंकी के उधौली निवासी किसान स्वदेश द्विवेदी का कहना है कि खेत में पहले से जो धान रोपा जा चुका है उसको भी इस बारिश से फायदा है जो रोपा जाएगा उसको भी फायदा होगा। ऐसे में बारिश होने से खेती को फायदा है। किसान रामध्यान, नथुनी, हरिबिलास सिंह, संजय यादव, अनिल तिवारी, विजय आदि ने बताया है कि लगातार बारिश से हमलोग खुश हैं। इस तरह बारिश होती रही तो इस बार किसान धान की खेती को मजबूती से करेंगे। झमाझम बारिश से मौसम भी सुहाना हो गया है। अमृत बनकर गिरे पानी से खेत लबालब गए हैं।
किसान कन्हैया यादव का कहना है कि इस बारिश का पानी किसानों के फसल के लिए संजीवनी है। इस तरह के बरसात हम लोगों को काफी जरूरत थी, इसके लिए हम प्रार्थना भी कर रहे थे। इंद्रदेव ने हमारी प्रार्थना सुनी और झूम कर बरसे। अब हमारी धान की फसल बर्बाद होने से बच जाएगी। तेज बारिश के धान की रोपाई में किसानों को काफी परेशानी भी हुई है। सभी की एक साथ रोपाई शुरू होने से मजदूर ही नहीं मिल रहे थे। जिनको मिल गए वो इतने खुश मानो कोई बड़ी जीत मिल गई हो।