दरअसल, अधिशासी अधिकारी प्रकाश चंद्र हरबोला लगभग तीन दशकों की सेवा के बाद 2015 में सेवानिवृत्त हुए थे। लेकिन सरकार ने उन्हें सेवानिवृत्ति का लाभ नहीं दिया। जिसके बाद वह 2018 में उच्च न्यायालय पहुंचे और 2021 में उनके पक्ष में निर्णय आया। राज्य सरकार ने 2021 के न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए एक विशेष अनुमति याचिका दायर की और प्रक्रियात्मक आधार पर सेवानिवृत्त अधिशासी अधिकारी हरबोला को पेंशन लाभ देने के विरोध में तर्क दिया।
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इस विशेष अपील की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इसे विशेष अपील दायर करने की प्रक्रिया का दुरुपयोग माना। साथ ही राज्य सरकार पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
इस विशेष अपील की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी एवं न्यायाधीश न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इसे विशेष अपील दायर करने की प्रक्रिया का दुरुपयोग माना। साथ ही राज्य सरकार पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।