लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने वन महोत्सव के उपलक्ष्य में राजभवन की धन्वन्तरि वाटिका में गन्धराज का पौधा रोपित किया तथा प्रमुख सचिव श्री राज्यपाल हेमन्त राव एवं विशेष सचिव राज्यपाल डाॅ0 अशोक चन्द्र ने भी गन्धराज के पौधे रोपित किये। इसके पूर्व राज्यपाल द्वारा राजभवन के निरीक्षक कुलदीप सिंह द्वारा लिखी कविता ‘जीवन रक्षक पेड़’ के शिलालेख का अनावरण भी किया गया।
वृक्षारोपण के महत्व को बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि पेड़-पौधे हमें स्वास्थ्य संरक्षण के लिए फल एवं औषधियां प्रदान करते हैं वहीं पर्यावरण को स्वच्छ बनाये रखने में उनका महत्वपूर्ण योगदान है। यहां तक कि पौधे हमारे जन्म से लेकर मृत्यु तक किसी न किसी रूप में काम आते हैं। उन्होने हर किसी विशेष अवसर पर पौधों को उपहार में भेंट करने तथा उनके रोपण करने पर बल दिया। राज्यपाल ने यह भी कहा कि रोपित किये जाने वाले पौधों के समुचित विकास एवं उनके रख-रखाव पर विशेष ध्यान दिया जाये।
राजभवन की गृह वाटिका में आम की विभिन्न संकर रंगीन प्रजातियों (सेन्सेशन, टाॅमी एटकिन्स, अम्बिका) के पौधे और लीची के पौधे विशेष सचिव राज्यपाल डाॅ0 अशोक चन्द्र, वित्त नियंत्रक संजय श्रीवास्तव, सहायक सूचना निदेशक अंजुम नकवी, प्रभारी चिकित्साधिकारी आयुर्वेद डाॅ0 शिव शंकर त्रिपाठी एवं उद्यान प्रभारी आर0एन0 मिश्रा सहित राजभवन के अन्य अधिकारियों द्वारा रोपित किये गये।
प्रभारी चिकित्साधिकारी आयुर्वेद एवं प्रभारी अधिकारी धन्वन्तरि वाटिका डाॅ0 शिव शंकर त्रिपाठी ने बताया कि वन विभाग द्वारा वन महोत्सव के उपलक्ष्य में 1 से 7 जुलाई, 2018 तक प्रदेश के समस्त जनपदों में वृक्षारोपण किया जा रहा है। डाॅ0 त्रिपाठी ने बताया कि राजभवन में फलदार, शोभाकार पेड़-पौधों के साथ-साथ औषधीय पेड़-पौधों का रोपण भी निरन्तर धन्वन्तरि वाटिका में किया जा रहा है। यह वाटिका प्रदेश में औषधीय पौधों की एक आदर्श वाटिका के रूप में जानी जाती है।