वरुण गांधी ने कहा, ‘घाटी में राहुल भट्ट जी की निर्मम हत्या के बाद से चल रहे कश्मीरी पंडितों के आंदोलन को अब 90 दिन बीत चुके हैं. पंडितों की पीड़ा एवं वेदना समझे बिना उनकी मांगों को अनसुना कर उनका वेतन तक रोक दिया गया है. क्या एक सुरक्षित एवं बेहतर जीवन की अपेक्षा हर भारतीय नागरिक का अधिकार नही है?”
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विदेशियों को भा रहे बनारसी गुलाबी मीनाकारी के क्राफ्ट, रक्षाबंधन पर बल्क में मिल रहा राखी का ऑफर, जानें क्या है इसमें खास क्या है राहुल भट्ट की घटना इस वर्ष 12 मई को आतंकियों द्वारा राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राहुल भट्ट राजस्व विभाग में काम किया करते थे। इस हत्या के बाद से ही घाटी में तनाव का माहौल बन गया था। इस हत्या के बाद से की पंडितों ने पलायन भी किया। कई कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के बाद से विरोध में उतरे हैं। घाटी में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुआ। सरकारी विभाग में काम करने वाले करीब 350 कश्मीरी पंडितों ने राज्यपाल मनोज सिन्हा को चिट्ठी लिखकर जम्मू डिवीजन में शिफ्ट किए जाने की मांग की थी। तभी से ये कर्मचारी अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।