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सब्जियों के दाम में यह कैसा खेल? 50 का टमाटर 80 में, 60 का अदरक 120 में क्यों?

locationलखनऊPublished: Jul 02, 2020 09:23:14 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

कोरोनकाल (Coronavirus) के दौरान सब्जियों की सप्लाई चेन ठप है, वहीं बरसात (Monsoon) के कारण भी कुछ दाम बढ़े हैं, लेकिन थोक और फुटकर बाजार में सब्जियों (Vegetables Rates) के दामों में जो अंतर देखने को मिल रहा है वह किसी को भी चकित कर देगा।

Vegetable Prices in UP

Vegetable Prices in UP

लखनऊ. कोरोनकाल (Coronavirus) के दौरान सब्जियों की सप्लाई चेन ठप है, वहीं बरसात (Monsoon) के कारण भी कुछ दाम बढ़े हैं, लेकिन थोक और फुटकर बाजार में सब्जियों (Vegetables Rates) के दामों में जो अंतर देखने को मिल रहा है वह किसी को भी चकित कर देगा। लखनऊ में अलग-अलग क्षेत्र में सब्जियों के दाम अलग-अलग हैं, लेकिन थोक और यहां के दामों में जमीन-आसमान का फर्क है। कहीं दोगुना तो कहीं तीन गुना ज्यादा दाम में सब्जियां बेची जा रही हैं। तमाम सब्जियों का स्वाद तो फुटकर में फूटने वाले इसी महंगाई बम के कारण फीकें हो गए हैं। सीतापुर रोड व दुबग्गा दोनों ही थोक मंडियों में सब्जी के भाव जैसे होने चाहिए वैसे ही हैं, लेकिन यहां से निकलते ही वेंडर द्वारा यह कई गुना महंगी बेची रही हैं। देखें एक नजर-
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– टमाटर थोक बाजार में 50 तो गोमतीनगर में 80 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है
– करेला थोक बाजार में 10 रुपए तो अलीगंज में 60 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है
– घुईया थोक बाजार में 24 रुपए तो अलीगंज में 60 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है
– अदरक थोक बाजार में 60 रुपए तो अलीगंज में 120 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है
– प्याज थोक बाजार में 12 रुपए तो अलीगंज में 20 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है
– शिमला मिर्च थोक बाजार में 30 रुपए तो गोमतीनगर में 120 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है
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बिचौलिए कर रहे खेल-

ऐसे बढ़ते दामों की बड़ी वजह बिचौलिये हैं। जानकारों का मानना है कि फुटकर बाजार का निगरानी का कोई तंत्र नहीं होता है। ऐसे में मनमानी तरीके से सब्जियों को बेचकर ग्राहकों को लूटा जा रहा है। यह हालात तब हैं, जब सब्जियों की पैदावारी जमकर हुई है। लॉकडाउन के कारण पुराने स्टॉक को ही निकाला जा रहा है।

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