लखनऊ

कोई भी शेल्टर होम शहर से ज्यादा दूर न बने- नगर विकास मंत्री

शहरी बेघरों को मूलभूत सुविधायुक्त स्थाई आश्रय स्थल उपलब्ध कराए जाएं

लखनऊJan 16, 2021 / 07:21 pm

Ritesh Singh

कोई भी शेल्टर होम शहर से ज्यादा दूर न बने- नगर विकास मंत्री

लखनऊ ,सूडा मुख्यालय में आयोजित समीक्षा बैठक में नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रवासी व बेघर लोगों के लिए बनने वाले शेल्टर होम शहर से ज्यादा दूर न बनाए जाएं। समीक्षा बैठक में प्रमुख सचिव दीपक कुमार ने भी प्रतिभाग किया। नगर विकास मंत्री ने शेल्टर होम स्थापित करने के लिए धार्मिक स्थान, पर्यटन स्थल, सरकारी अस्पताल, मेडिकल कालेज तथा निर्माणाधीन भवनों और उद्योगों के निकट स्थान चयनित करने के निर्देश दिए। इससे प्रवासी मजदूरों को शेल्टर होम की तलाश में भटकना नहीं पड़ेगा। नगर विकास मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि किसी भी हाल में मजदूर या मरीजों के तीमारदारों को खुले आसमान के नीचे या तिरपाल में रात्रि प्रवास करने पर मजबूर न होना पड़े।

प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी की प्रगति की समीक्षा करते हुए नगर विकास मंत्री ने यथाशीघ्र आवासों के निर्माण कार्य को कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी 2022 तक सभी योग्य परिवारों ,लाभार्थियों को घर उपलब्ध कराए जाने के लिए आवासों का निर्माण यथाशीघ्र पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है और इसको समय से पहले पूरा करने का लक्ष्य लेकर सभी सम्बंधित विभागों को पूरी गंभीरता से कार्य करना चाहिए। बैठक में मिशन निदेशक उमेश प्रताप सिंह ने जानकारी दी कि अब तक कुल 16,81,915 आवास स्वीकृत हुए हैं। जिनमें से 6,43,923 आवासों का निर्माण हो चुका है, शेष 10,42,747 आवासों का निर्माण शीघ्र ही पूरा करा लिया जाएगा। जिससे प्रदेश विगत वर्ष की भाति निरन्तर प्रथम स्थान पर बना रहें । मंत्री ने शहरी आजीविका मिशन के अंर्तगत चल रही योजनाओं की समीक्षा करते हुए स्वरोजगार को बढ़ाने और शहरी गरीब परिवारों को संगठित करते हुए उनके सशक्तिकरण पर विशेष बल देने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि स्वयंसहायता समूह बनाकर लोगों को प्रशिक्षित किया जाए व रोज़गार के नए अवसर प्रदान किए जाएं।

नगर विकास मंत्री ने बताया सरकार सभी नगर निकायों में शहरी आजीविका केंद्र भी खोल रही है, जिनके माध्यम से गरीबों को प्रशिक्षित कर उनके उत्पादों को बाजार में भेजा जा रहा है. सरकार शहरी क्षेत्र में महिलाओं को समूह के रूप में उद्यम स्थापित करने के लिए रु. 10 लाख तक का अनुदानित कर्ज दिलाया जा रहा है। नगर निकायों के माध्याम से नागरिकों को रोजगार परक बनाने के लिए दो लाख रुपये तक का कर्ज लाभार्थियों को दिलाया जा रहा है। वहीं शहरी पथ विक्रेताओं की समस्या को दूर करने के लिए सरकार सामाजिक एवं आर्थिक सर्वेक्षण करवाकर पहचान पत्र उपलब्ध कराने के साथ दो दिवसीय प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने की भी योजना क्रियान्वित हो रही है।

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