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विजयदशमी विशेष: नीलकंठ, पान, शमी वृक्ष, कछुए का है विशेष महत्व

locationकानपुरPublished: Sep 30, 2017 06:12:51 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

कछुए को केवल स्पर्श करने से ही लोगों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।
 

Viajayadashami Dussehra

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कानपुर. 30 सितंबर यानी आज विजयदशमी है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नीलकंठ पक्षी और कछुए को देखना शुभ माना जाता है। दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का त्यौहार है। यह एक ऐसा पर्व है जिसमें लोग अपनी छतों, बगीचों के आसपास नीलकंठ पक्षी को निहारते हैं कि वह कहीं दिख जाए। वहीं जल और थल दोनों जगहों पर निवास करने वाले जीव कछुए को केवल स्पर्श करने से ही लोगों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। विजयदशमी पर शस्त्र पूजन की विशेष परंपरा है। लोग शस्त्र पूजन करते हैं। मेस्टन रोड, गोविंद नगर, परेड, चकेरी, कल्याणपुर आदि जगहों पर शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों ने शस्त्रों का पूजन किया।
शमी वृक्ष पर कलावा बांधकर मांगी मन्नत
कानपुर में लोग इन मान्यताओं को मानते हुए सालों से विजयदशमी का त्योहार विशेष रूप से मनाते आ रहे हैं। इस त्योहार की विशेष रौनक दिखी। परेड रामलीला मैदान के पास बने शमी वृक्ष पर कलावा बांधकर लोगों ने मन्नत मांगी। इसके बाद नीलकंठ और कुछुए के दर्शन किए गए।
पान का बीड़ा खाने की विशेष परम्परा
यहां पर विजयदशमी के अवसर पर रावण दहन के बाद पान का बीड़ा खाने का अलग ही परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि दशहरे के दिन पान खाकर लोग असत्य पर हुई सत्य की जीत की खुशी को व्यक्त करते हैं और साथ ही यह बीड़ा उठाते हैं कि वह हमेशा सत्य के मार्ग पर चलेंगे। इस विषय पर ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक पांडेय का कहना है कि पान के पत्ते को मान और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। इसलिए हर शुभ कार्य में इसका उपयोग किया जाता है।
शस्त्र पूजन की विशेष परम्परा
विजयदशमी पर शस्त्र पूजन की विशेष परंपरा है। लोग शस्त्र पूजन करते हैं। मेस्टन रोड, गोविंद नगर, परेड, चकेरी, कल्याणपुर आदि जगहों पर शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों ने शस्त्रों का पूजन किया।
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