यहां पर विजयदशमी के अवसर पर रावण दहन के बाद पान का बीड़ा खाने का अलग ही परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि दशहरे के दिन पान खाकर लोग असत्य पर हुई सत्य की जीत की खुशी को व्यक्त करते हैं और साथ ही यह बीड़ा उठाते हैं कि वह हमेशा सत्य के मार्ग पर चलेंगे। इस विषय पर ज्योतिषाचार्य पंडित अशोक पांडेय का कहना है कि पान के पत्ते को मान और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। इसलिए हर शुभ कार्य में इसका उपयोग किया जाता है।
शस्त्र पूजन की विशेष परम्परा
विजयदशमी पर शस्त्र पूजन की विशेष परंपरा है। लोग शस्त्र पूजन करते हैं। मेस्टन रोड, गोविंद नगर, परेड, चकेरी, कल्याणपुर आदि जगहों पर शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों ने शस्त्रों का पूजन किया।
शस्त्र पूजन की विशेष परम्परा
विजयदशमी पर शस्त्र पूजन की विशेष परंपरा है। लोग शस्त्र पूजन करते हैं। मेस्टन रोड, गोविंद नगर, परेड, चकेरी, कल्याणपुर आदि जगहों पर शस्त्र पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों ने शस्त्रों का पूजन किया।