शव जलाने से रोका था साथियों ने उमाकांत ने पुलिस को बताया कि दो जुलाई को पूरी प्लानिंग की गई थी। सिपाहियों को खोज-खोज कर मारा गया था। इस हत्याकांड के बाद पांच सिपाहियों के शव शौचालय में पहुंचाए गए थे। उमाकांत ने कहा, मेरे सामने पुलिसकर्मियों के शवों को घसीटकर शौचालय में जलाने के लिए इकट्ठा किया गया था। विकास दुबे ने इन्हें जलाने का पूरा इंतजाम किया था। उसने मिट्टी के तेल का पीपा भी मंगवा लिया था मगर कुछ साथियों ने उसे ऐसा करने से रोक लिया था। बता दें कि उमाकांत शुक्ला बिकरू गांव का रहने वाला है। उसका घर उस शौचालय के ठीक सामने है, जहां पर पांच पुलिसकर्मियों के शवों को एक के ऊपर एक करके रखा गया था। उमाकांत विकास के ट्रैक्टर का काम देखता था और उसके आपराधिक कार्यों का साथी भी था।
बिकरू गांव में इस्तेमाल हुई सेमी ऑटोमेटिक राइफल एक अन्य खुलासे में उमाकांत ने ये भी कहा कि विकास दुबे के भाई ने जिस सेमी ऑटोमैटिक राइफल का इस्तेमाल किया था, वह लाइसेंसशुदा नहीं थी। इस राइफल को मेस्टर्न रोड स्थित नेशनल गन हाउस से साल 2010 में खरीदा गया था। जबकि ऐसी सेमी ऑटोमेटिक राइफल को राज्यपाल की मंजूरी के बिना नहीं बेचा जा सकता। अब इस बात के खुलासे के बाद पुलिस ने गन हाउस मालिक पर भी शिकंजा कसा है। गन हाउस मालिक से यह राइफल बेचने के कारणों का पता लगाया जाएगा।
एसआईआटी ने मांगा 64 लोगों की संपत्तियों का ब्यौरा एसआईटी ने विकास दुबे और उसके साथी जय बाजपेयी समेत 64 लोगों की संपत्तियों का ब्यौरा मांगा है। एसआईटी बिल्हौर तहसील समेत अन्य विभागों की ओर से दिए गए संपत्तियों के ब्योरे से संतुष्ट नहीं है क्योंकि दिए गए ज्यादातर ब्योरे में संपत्ति शून्य व न के बराबर दिखाई गई है। जबकि गांव वालों से मिली एसआईआटी को मिली जानकारी के मुताबिक विकास दुबे और उसके गुर्गों के पास काफी संपत्ति है।
विकास के आर्थिक साम्राज्य की कुंडली खंगालने पर उसके विदेशों में यात्रा करने से लेकर काले धन में निवेश करने तक की बात सामने आई है। विकास गुबे पर करोड़ों रुपये लेकर लोगों को ब्याज देने का भी आरोप है। इतना ही नहीं बल्कि उसके गुर्गों के पास भी काफी संपत्ति होने की जानकारी है। ऐसे में अब एसआईटी ने विकास दुबे, उसके भाई दीपू दुबे, पत्नी रिचा दुबे, साला, बेटों, जय बाजपेई, उसके भाई रजयकांत बाजपेई, पत्नी श्वेता बाजपेई समेत 64 लोगों की संपत्तियों का ब्योरा रजिस्ट्री विभाग से मांगा है। इसमें रजिस्ट्री की फोटोकॉपी के साथ क्रेता व विक्रेता का पूरा ब्योरा तलब किया है।