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गुर्गों के एनकाउंटर में उलझी रही पुलिस, विकास ने 154 घंटे में नाप दी 4 राज्यों की सीमाएं

locationलखनऊPublished: Jul 09, 2020 11:18:24 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

-पॉल सर बनकर फर्जी आईडी के सहारे घूम रहा था-प्रशांत कुमार बोले- विकास के खिलाफ होगी कानूनन कार्रवाई-चार्टड विमान से लाया ट्रांजिस्ट रिमांड पर लाया जाएगा लखनऊ-पूछताछ में बेनकाब हो सकते हैं कई खादी और वर्दीधारी

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विकास दुबे 9 जुलाई की सुबह करीब पौने 10 बजे उज्जैन पहुंचकर यूपी पुलिस को चौंका दिया।

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. 2 जुलाई की रात कानपुर के बिकरू में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद गैंगस्टर विकास दृबे ने 154 घंटे में चार राज्यों की सीमाएं नाप दीं। वह रात-दिन भागता रहा। पुलिस की निगाहें उसकी तलाश में गिद्ध की तरह लगी रहीं। लेकिन, यूपी पुलिस उसकी परछाईं तक तलाश न सकी। यूपी पुलिस ने 100 टीमें इसे पकडऩे के लिए लगाईं थीं। कुल 1500 से अधिक पुलिस इंस्पेक्टर और सिपाही इतने ही खुफिया पुलिस के जवान इसकी तलाश में जुटे थे। लेकिन यह पुलिस को चकमा देते हुए कभी साइकिल, कभी मोटर साइकिल तो कभी ट्रक पर सवार होकर यूपी की सीमा लांघ कर हर राजस्थान हरियाणा से लेकर मध्य प्रदेश तक घूमता रहा। इधर, पुलिस उसके गुर्गों के इनकाउंटर में ही उलझी रही उधर, विकास दुबे 9 जुलाई की सुबह करीब पौने 10 बजे उज्जैन पहुंचकर यूपी पुलिस को चौका दिया।
विकास दुबे की तलाश में पूरे उत्तर प्रदेश की पुलिस जी जान से जुटी थी। लेकिन, वह लगातार पुलिस की आंखों से ओझल होता रहा। पुलिस ने विकास दुबे के राइड हैंड और शार्प शूटर अमर दुबे को एनकाउंटर में ढेर कर दिया। 4 दिन के भीतर विकास दुबे के सिर पर इनाम की राशि 50 हजार से बढ़ाकर 5 लाख कर दिया। बावजूद इसके यूपी पुलिस उस तक न पहुंच पायी। अब तक के इनपुट से साफ है विकास दुबे अपनी मर्जी से सामने आया। उसने खुद अपनी पहचान बताई। वह उज्जैन के महाकाल मंदिर में चिल्ला-चिल्ला कर खुद को विकास दुबे बताता रहा। शायद उसे एनकाउंटर का खौफ था। उसे मुठभेड़ में मार गिराने का डर था। इसलिए वह उज्जैन पहुंचा। यह अलग बात है कि अब मप्र पुलिस उसे पकडऩे का दावा कर रही है।
फर्जी आईडी का इस्तेमाल
सूत्रों के अनुसार विकास दुबे पॉल के नाम की फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर रहा था। वह कोटा होते हुए सड़क के रास्ते उज्जैन पहुंचा। फरीदाबाद में पुलिस के पहुंचने से पहले ही चकमा देकर फरार होने में कामयाब रहा।
हत्या के दिन साइकिल से भागा
घटना के बाद से ही विकास दुबे की तलाश में यूपी एसटीएफ छापेमारी कर रही थी। लेकिन, विकास खुद साइकिल से खेतों के रास्ते शिवली पहुंचा। साथ में अमर दुबे और कार्तिकेय भी थे। दो दिन तक शिवली में एक दोस्त के यहां छिपे रहे। बाद में कार्तिकेय अलग और विकास-अमर एक साथ बाइक से लखनऊ रवाना हुए। यहां से ट्रकों के जरिए अलग-अलग शहर होते हुए हरियाणा के फरीदाबाद पहुंचे। पहले होटल और फिर बाद में अंकुर के घर को इन सबने ठिकाना बनाया।
पूछताछ में बेनकाब हो सकते हैं कई खादी और वर्दीधारी
जब से विकास दुबे का मामला सामने आया है, तब से लेकर अब तक इससे जुड़े कई लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। चौबेपुर थाने के पुलिसवालों से लेकर तमाम नेता जिनका एक वीडियो में खुद विकास दुबे नाम ले चुका है। अब उससे पूछताछ में कई राज़ खुल सकते हैं। ईमानदारी से पूछताछ होगी,तो सारे भेद खुलेंगे। कौन पुलिसवाले इसे संरक्षण दे रहे थे, कौन-से नेता इससे बात कर रहे थे। इसको लेकर यूपी में चर्चाएं तेज हैं।
कौन-कौन था विकास के संपर्क में
-चौबेपुर थाने के निलंबित एसओ विनय तिवारी
-बीट प्रभारी केके शर्मा
-करीब दो सौ पुलिसकर्मियों के फोन सर्विलांस पर हैं
-भारतीय जनता पार्टी के दो विधायक
-हालांकि, बीजेपी के विधायकों ने कहा है कि उनका विकास दुबे से किसी भी तरह का संपर्क नहीं था
एडीजी ने कहा-चैन से नहीं बैठेंगे
उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया के तहत विकास दुबे पर कड़ी कार्रवाई होगी। कानपुर मुठभेड़ के जो भी आरोपी फरार चल रहे हैं उनको पकड़ा जाएगा। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक सभी अभियुक्तों को सजा न दिला दें। विकास दुबे को अपने हाथ से फिसल जाने के मामले में एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि पूरे देश की पुलिस एक है। हम या मध्य प्रदेश पुलिस अलग नहीं है। इसको सफलता या असफलता से नहीं देखा जाएगा। यह सत्य है कि शातिर अपराधी विकास दुबे पकड़ा गया है।
कौन है बिट्टू भैया
अब पुलिस को बिट्टू भैया की तलाश है, जिसका नाम विकास दुबे गिरफ्तारी के समय बार-बार ले रहा था। उज्जैन पुलिस ने लखनऊ के दो वकीलों को हिरासत में लिया है। पुलिस को शक है कि इनमें से किसी का नाम बिट्टू हो सकता है। हो सकता है यह विकास के लिए कानूनी मदद के मकसद से पहुंचे हों। पुलिस को शक है कि विकास दुबे के साथ बिट्टू नामक कोई शख्स भी था, जो फरार हो गया। विकास को लाने चार्टर्ड प्लेन से इंदौर पहुंची यूपी पुलिस विकास दुबे को गिरफ्त में लेने के लिए उत्तर प्रदेश एसटीएफ की टीम चार्टर्ड प्लेन से इंदौर पहुंच चुकी है। उसे चार्टर्ड प्लेन से लखनऊ लाया जाएगा। विकास दुबे के पास एक बैग है। जिसमें कुछ कपड़े, एक मोबाइल, उसका चार्जर और कुछ कागजात हैं।
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