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विधायक जी को न दुर्गा पूजा में शामिल होने दिया न ही करने दिया भगवान का दर्शन

locationलखनऊPublished: Oct 07, 2019 04:36:17 pm

Submitted by:

Anil Ankur

क्षेत्र में काम न करने वाले जनप्रतिनिधियों के प्रति फूट रहा जनता गुस्सा

एक विधायक जिसे दुर्गा पूजा में न जाने को मिला और न राम दर्शन

एक विधायक जिसे दुर्गा पूजा में न जाने को मिला और न राम दर्शन

लखनऊ. काम न करने जनता जन प्रतिनिधियों के खिलाफ अब यूपी की जनता का मुखर विरोध होने लगा है। लोगों का गुस्सा अपने जन प्रतिनिधियों पर फूट रहा है। विरोध स्वरूप कहीं क्षेत्र में न घुसने के पोस्टर लग रहे हैं तो कहीं क्षेत्र में न जाने वाले सांसदों और विधायकों को सबक सिखाने के लिए उन्हें ढूंढकर लाने यानी गुमशुदगी वाले पोस्टर लग रहे हैं। कहीं काम न करने वाले विधायकों का घेराव हो रहा है। ताजा मामला बलिया का है। यहां वादा करके सडक़ न बनवाने वाले विधायक को जनता ने दुर्गापूजा में नहीं जाने दिया। रामलीला कार्यक्रम का उद्घाटन भी नहीं करने दिया गया। यहां तक कि उन्हें राम लीला भी देखने नहीं दी।
पूजा स्थल से वापस लौटाए गए विधायक

बलिया के विधायक धन्नंजय कनौजिया गत दिवस जब दुर्गा पूजा पंडाल में पहुंचे तो वहां की जनता ने उन्हें घुसने नहीं दिया। जनता बोली, विधायक जी वापस जाइए। आपने पिछले साल यहां की सडक़ बनवाने का वादा किया था, लेकिन तब से आप लापता हैं। ऐसे विधायक की जरूरत नहीं। विधायक और उनके समर्थकों ने पूजा स्थल पर प्रसाद लेने की बात की। लेकिन गुस्साई जनता ने उन्हें आगे नहीं बढऩे दिया। इसके बाद विधायक रामलीला ग्राउंड पहुंचे वहां उन्हें भगवान के दर्शन नहीं करने दिया गया।

फर्रुखाबाद में भी हुआ विरोध


विकास के काम के प्रति उदासीनता के चलते फर्रुखाबाद के सांसद और विधायकों को भी जनता के गुस्से का शिकार होना पड़ा। वहां की जनता ने पिछले महीने पोस्टर लगवा दिए कि वांटेड- हमारे जन प्रतिनिधि को जो ढूंढकऱ लाएगा उसे जनता ईनाम देगी। ऐसे ही पोस्टर बीते वर्ष मथुरा की सांसद हेमा मालिनी के खिलाफ भी लगे थे। उनको भी ढूंढकऱ लाने के लिए गन्ना किसानों ने पोस्टर छपवाए थे। इसके बाद सीतापुर और और लखीमपुर में भी इसी प्रकार की घटनाएं हुईं।

जन प्रतिनिधियों के लिए अलार्म


राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि लोकतंत्र में ऐसी घटनाएं सही दिशा की ओर ले जाती हैं। इससे विधायकों,सांसदों, सभासदों और ग्राम प्रधानों को सचेत हो जाना चाहिए। यदि काम नहीं किया तो जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। जनता उनसे बदला लेने के लिए तैयार है। बातों से नहीं काम से ही वोट मिलेंगे। अब देखने की बात यह होगी कि इन घटनाओं से जन प्रतिनिधि कितना सबक लेते हैं।

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