पूजा स्थल से वापस लौटाए गए विधायक बलिया के विधायक धन्नंजय कनौजिया गत दिवस जब दुर्गा पूजा पंडाल में पहुंचे तो वहां की जनता ने उन्हें घुसने नहीं दिया। जनता बोली, विधायक जी वापस जाइए। आपने पिछले साल यहां की सडक़ बनवाने का वादा किया था, लेकिन तब से आप लापता हैं। ऐसे विधायक की जरूरत नहीं। विधायक और उनके समर्थकों ने पूजा स्थल पर प्रसाद लेने की बात की। लेकिन गुस्साई जनता ने उन्हें आगे नहीं बढऩे दिया। इसके बाद विधायक रामलीला ग्राउंड पहुंचे वहां उन्हें भगवान के दर्शन नहीं करने दिया गया।
फर्रुखाबाद में भी हुआ विरोध
विकास के काम के प्रति उदासीनता के चलते फर्रुखाबाद के सांसद और विधायकों को भी जनता के गुस्से का शिकार होना पड़ा। वहां की जनता ने पिछले महीने पोस्टर लगवा दिए कि वांटेड- हमारे जन प्रतिनिधि को जो ढूंढकऱ लाएगा उसे जनता ईनाम देगी। ऐसे ही पोस्टर बीते वर्ष मथुरा की सांसद हेमा मालिनी के खिलाफ भी लगे थे। उनको भी ढूंढकऱ लाने के लिए गन्ना किसानों ने पोस्टर छपवाए थे। इसके बाद सीतापुर और और लखीमपुर में भी इसी प्रकार की घटनाएं हुईं।
जन प्रतिनिधियों के लिए अलार्म
राजनीतिक प्रेक्षकों का मानना है कि लोकतंत्र में ऐसी घटनाएं सही दिशा की ओर ले जाती हैं। इससे विधायकों,सांसदों, सभासदों और ग्राम प्रधानों को सचेत हो जाना चाहिए। यदि काम नहीं किया तो जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। जनता उनसे बदला लेने के लिए तैयार है। बातों से नहीं काम से ही वोट मिलेंगे। अब देखने की बात यह होगी कि इन घटनाओं से जन प्रतिनिधि कितना सबक लेते हैं।
राम के नाम पर
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