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किशोर-किशोरियों के साथ हिंसा समुदाय को नहीं स्वीकार,पढ़िए पूरी खबर

locationलखनऊPublished: Apr 01, 2021 02:45:52 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

(Adolescent Empowerment) अब देश के 6 राज्यों में

किशोर-किशोरियों के साथ हिंसा समुदाय को नहीं स्वीकार,पढ़िए पूरी खबर

किशोर-किशोरियों के साथ हिंसा समुदाय को नहीं स्वीकार,पढ़िए पूरी खबर

लखनऊ, (Adolescent Empowerment) किशोर-किशोरियों के साथ हिंसा को लेकर अब समुदाय आवाज उठाने लगा है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा को सभी के लिए स्वीकार बनाने के लिए काम करने वाली स्वंयसेवी संस्था के सर्वे में यह सामने आया है कि 21 फीसदी लोगों को किशोर-किशोरियों या किसीGender साथ हिंसा अब स्वीकार नहीं है। (Adolescent Empowerment) वह अब खुलकर हिंसा के मुद्दे पर बात करने लगे हैं। यह ताजा आंकड़े में किशोर-किशोरी सशक्तिकरण कार्यक्रम ‘देताली’के इंडलाइन सर्वे से आए हैं। यह सर्वे सीईओ सोहिनी भट्टाचार्य,प्रोग्रामडायरेक्टर,नयनाचौधरी और स्टेट लीड (उत्तरप्रदेश)कृतिप्रकाश ने प्रेस कांफ्रेंस में मीडिया के साथ साझा किए।
(Adolescent Empowerment) अब देश के 6 राज्यों में

(Adolescent Empowerment) इस अवसर पर ब्रेकथ्रू सीईओ सोहन भट्टाचार्य ने कहा कि सर्वे के परिणामों से हम बहुत उत्साहित है। हमें खुशी है कि हम इस कार्यक्रम के माध्यम से किशोर-किशोरियों के जीवन में बेहतर शिक्षा,स्वास्थ्य का वातावरण बना पाए वहीं उनके साथ होने वाली Gender आधारित भेदभाव व हिंसा जैसे मुद्दे पर एक प्रभावी संवाद शुरू करपाए।(Adolescent Empowerment) महिलाओं और लड़कियों के साथ होने वाली हिंसा को समाप्त करने अपनी मुहिम को जारी रखते हुए। (Adolescent Empowerment) किशोर-किशोरियों के साथ अपने कार्यक्रम को अब पंजाब लेकर जा रहा है। वहां पर हम पंजाब सरकार के साथ मिलकर किशोर-किशोरियों के साथ जेंडर के मुद्दे पर काम शुरू कर रहे है।
(Adolescent Empowerment) उत्तर प्रदेश के 6 जिलों में हुआ सर्वे,11-22 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों के साथ हुआ सर्वे

(Adolescent Empowerment) उत्तर प्रदेश के 6 जिलों लखनऊ,गोरखपुर,सिद्धार्थनगर,महाराजगंज,जौनपुर और गाजीपुर में 11-22 आयु वर्ग के किशोर-किशोरियों के साथ किया गया। इसके आंकड़ों का साझा करते हुए। स्टेड लीड कृति प्रकाश ने बताया कि 2015 में इन जिलों में हम लोगों ने किशोर-किशोरियों के शिक्षा,स्वास्थ्य,लिंग आधारित भेदभाव जैसे मुद्दों पर काम करना शुरू किया था।( Adolescent Empowerment) जिसके सुखद परिणाम हमारी इंड लाइन सर्वे में देखने को मिली है।
( Adolescent Empowerment) किशोरियों की मोबिलिटी बढ़ी,पढ़ाई हो या काम-घर से बाहर निकलना हुआ आसान

उन्होंने ने बताया कि किशोर-किशोरियों के स्कूल व काम आदि के लिए बाहर (मोबिलिटी) निकलने की दर में भी इजाफा हुआ है।लड़कियों में यह वृद्धि दर 37फीसदी देखी गई वहीं लड़को में 8 फीसदी रही। (Adolescent Empowerment) साथ ही किशोर-किशोरियोंमें खाली समय (आराम का समय) में भी 40 फीसदी का इजाफा देखा गया। खास तौर से लड़कियों के लिए यह समय जो पहले 2.97घंटा था वो अब बढ़ कर 4.16 घंटा हो गया।
पीढ़ियों के बीच खुलकर होने लगी बात,माता-पिता भी समझने लगे अपने बच्चों की बात
(Adolescent Empowerment)ब्रेकथ्रू का प्रोग्राम डायरेक्टर नयना ने कहा कि किशोर-किशोरियों की शिक्षा का मुद्दा हो उसके साथ Gender आधारित भेदभाव,हिंसाव स्वास्थ्य आदि का मुद्दाहर जगह हमने देखा कि यह सब उनकी कंडीशनिंग का हिस्सा है,जो एक कल्चर के रूप में उनके जीवन का हिस्सा बन कर रूढ़िवादी मान्यताओं को बढ़ावा भी देता है। (Adolescent Empowerment) इसलिए हमने अपनी रणनीति में इन मान्यताओं को बदलकर किशोर-किशोरियों के हित में करने की रणनीति बनाई। हमारा टीकेटी पाठ्क्रम हो समुदाय आधारित कार्यक्रम सभी में रूढीवादी मान्यताओं को चिन्हित करके उसमें बदलाव लाने का प्रयास शुरू किया गया।
जिसके उत्साहजनक परिणाम आप सभी के सामने हैं। उन्होंने आगे कहा कि हमने जब काम शुरू किया था तब हमने देखा कि किशोर-किशोरियोंकी अपने माता-पिता अन्य बड़े-बुजुर्गों से बातचीत बहुत कम होती थी। (Adolescent Empowerment) वह अपनी बातें उनसे नहीं कह पाते थे। कल्चर को बदलने की सोची और उनके बीच के संवाद का एक ब्रिज तैयार किया। जिसका असर ये हुआ कि इंटरजेंडर कम्युनिकेशन में 100 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ। (Adolescent Empowerment) जो बेसलाइन के 33 फीसदी से बढ़कर 69 फीसदी हो गया है। साथ ही किशोर-किशोरियोंमें अपनी आवश्यकताओं व जरूरतों को लेकर परिजनों से जो बातचीत में भी 25 फीसदी का इजाफा देखा गया।
(Adolescent Empowerment )किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता बढ़ी


(Adolescent Empowerment) किशोर-किशोरियों में स्वास्थ्य केंद्रो जाने की दर में भी 10 फीसदी का इजाफा हुआ। जो पहले 44था जो बढ़कर 54 प्रतिशत हो गया। (Adolescent Empowerment) वहीं किसी भी तरह से स्वाथ्य केंद्रों पर जाकर या बिना जाए भी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने की दर भी बेसलाइन सर्वे के 18 फीसदी से बढ़कर 56 फीसदी हो गया।
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