scriptवेब सीरीज ‘वर्जिन भास्कर सीजन 2’ में हॉस्टल का नाम बदलने के लिए पीआईएल | Virgin Bhaskar Season 2 controversy over Ahilyabai | Patrika News

वेब सीरीज ‘वर्जिन भास्कर सीजन 2’ में हॉस्टल का नाम बदलने के लिए पीआईएल

locationलखनऊPublished: Sep 09, 2020 05:47:37 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

– अहिल्याबाई का जिक्र होने से करोड़ों की भावनाएं आहत

Virgin Bhaskar

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क.

लखनऊ. वेब सीरीज ‘वर्जिन भास्कर सीजन-2’ (Virgin Bhaskar 2) के एक सीन में हॉस्टल का नाम ‘अहिल्याबाई हॉस्टल’ लिखे जाने पर महारानी अहिल्याबाई (Maharani Ahilyabai) होल्कर अपमान बताते हुए इसके खिलाफ एक जनहित याचिका हाईकोर्ट (Highcourt) की लखनऊ बेंच में दायर की गई है। स्थानीय अधिवक्ता कृष्ण कन्हैया पाल ने अपनी याचिका में वेब सीरीज पर रोक लगाए जाने और हॉस्टल का नाम बदलने का आग्रह किया है। याची के मुताबिक, बालाजी टेलीफिल्म्स और जी 5 द्वारा बनाई गई है। इसको 29 अगस्त को रिलीज किया गया। इस वेब सीरीज के एक सीन में हॉस्टल का नाम अहिल्याबाई हॉस्टल लिखा गया है। याची का कहना है सीरीज के अनुसार हॉस्टल में गलत काम होना दिखाया गया है। इस तरह से यह पुण्यश्लोका इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर का अपमान है। अहिल्याबाई होल्कर एक धर्म परायण शासिका थीं। उन्होंने इंदौर में तीस साल तक राज्य किया। और देश में करीब 1800 मंदिर बनवाए। इनमें बाबा विश्वनाथ का मंदिर वाराणसी और उज्जैन का महाकाल मंदिर प्रमुख हैं। इस तरह से भारतीय संस्कृति और धर्म की रक्षा करने वाली देवी अहिल्याबाई के नाम पर बने एक ऐसे होस्टल की गतिविधियों को दिखाना जहां गलत काम होते हैं सीधे तौर पर महारानी का अपमान है। याची का कहना है कि महारानी होल्कर शेफर्ड (गड़रिया) समुदाय की महारानी थीं, इसलिए पूरे देश में करोड़ों शेफर्ड समुदाय की इससे भावनाएं आहत हुई हैं। इसी के साथ देश के सभी धर्म परायण हिंदुओं का भी यह अपमान है। इसलिए इसका वेबसीरीज का प्रसारण तत्काल रोका जाए।
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हालांकि, बालाजी टेलीफिल्म्स ने इस मामले में अपना पक्ष रखते हुए माफी मांगी है। वेब सीरीज बनाने वालों का कहना है कि यह महज इत्तेफाक है कि सीरीज में अहिल्याबाई नामक होस्टल का जिक्र हुआ है। उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। वह मराठा साम्राज्य का आदर करते हैं साथ ही अहिल्याबाई होल्कर का सम्मान करते हैं।
एकता कपूर का फूंका पुतला-
उधर, कनौज में वेब सीरीज में लोकमाता अहिल्याबाई को अपमानित करने को लेकर अहिल्याबाई होल्कर समिति ने रोष जताते हुए एकता कपूर का पुतला फूंक कर विरोध जताया। अहिल्याबाई होल्कर समाज के जिलाध्यक्ष आशीष पाल ने बताया कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर गड़रिया समाज की आराध्य पूजनीय हैं। इस वेब सीरीज के पूरे देश के गड़रिया समाज की भावना को ठेस पहुंची है, जो निंदनीय है। जिसको लेकर नगर पंचायत प्रांगण में वेदराम पाल जिला सह सचिव, सरमन पाल मंडल अध्यक्ष, शिवम पाल, नीलेश पाल, योगेश पाल, प्रधान पाल सिंह, अतुल पाल, अजीत पाल कार्यकर्ताओं ने एकता कपूर का पुतला फूंक कर विरोध जताया है।
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कौन थीं अहिल्याबाई होलकर

अहमदनगर के जामखेड में चोंडी गांव में जन्मी महारानी अहिल्याबाई मालवा राज्य की होलकर रानी थीं, जिन्हें लोग प्यार से राजमाता अहिल्याबाई होलकर भी कहते हैं। उनके पिता मनकोजी राव शिंदे, गांव के पाटिल यानी कि मुखिया थे। जब गांव में कोई स्त्री-शिक्षा का ख्याल भी मन में नहीं लाता था तब मनकोजी ने अपनी बेटी को घर पर ही पढऩा-लिखना सिखाया। साल 1733 को खांडेराव के साथ विवाह कर 8 साल की कच्ची उम्र में अहिल्याबाई मालवा आयीं। साल 1754 में कुम्भार के युद्ध के दौरान उनके पति खांडेराव होलकर वीरगति को प्राप्त हुए। इस समय अहिल्याबाई केवल 21 साल की थीं। अपने पति, पिता समान ससुर और इकलौते बेटे को खोने के बाद 11 दिसंबर, 1767 को उन्होंने इंदौर का शासन संभाला। मालवा की यह रानी बहादुर योद्धा और प्रभावशाली शासक होने के साथ-साथ कुशल राजनीतिज्ञ भी थीं। इंदौर उनके 30 साल के शासन में एक छोटे से गांव से फलते-फूलते शहर में तब्दील हो गया। मालवा में किले, सड़कें बनवाने का श्रेय अहिल्याबाई को ही जाता है। इसके अलावा वे त्योहारों और मंदिरों के लिए भी दान देती थी। उनके राज्य के बाहर भी उन्होंने उत्तर में हिमालय तक घाट, कुएं और विश्राम-गृह बनाए और दक्षिण में भी तीर्थ स्थानों का निर्माण करवाया। भारतीय संस्कृति कोश के मुताबिक अहिल्याबाई ने अयोध्या, हरद्वार, कांची, द्वारका, बद्रीनाथ आदि शहरों को भी सँवारने में भूमिका निभाई। उनकी राजधानी माहेश्वर साहित्य, संगीत, कला और उद्योग का केंद्रबिंदु थी। उन्होंने अपने राज्य के द्वार मेरठ कवि मोरोपंत, शाहिर अनंतफंदी और संस्कृत विद्यवान खुसाली राम जैसे दिग्गजों के लिए खोले। रानी अहिल्याबाई ने 70 वर्ष की उम्र में अपनी अंतिम सांस ली।
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