आरोपियों ने बताया ये सच
सूत्रों के अनुसार एसआईटी को दिए अपने बयान में प्रशांत ने बताया कि वारदात की रात वह और संदीप चीता मोबाइल से मलेसेमऊ से गश्त करके आ रहे थे। तभी सरयू अपार्टमेंट वाली सड़क पर एक कार खड़ी दिखी। उसके बाद हम कार के सामने पहुंचे और बाइक रोक दी। बाइक से उतरकर प्रशांत ड्राइविंग सीट की तरफ पहुंचा और संदीप सना की तरफ। सिपाहियों ने बताया कि कार में युवक और युवती को बैठा देखकर शक हुआ तो दोनों को बाहर आने को कहा। इस पर युवक ने इनकार कर दिया और कार को आगे बढ़ाकर बाइक को टक्कर मार दी। इस पर दोनों सिपाही सावधान हो गए और कार से दूर हट गए। प्रशांत ने बताया कि कार से बाइक को तीन बार टक्कर मारी गई। इसके बाद चेतावनी देने के लिए प्रशांत ने पिस्टल निकालकर तान दी। इसी बीच फायर हो गया और गोली विंड स्क्रीन को चीरती हुई युवक को जा लगी।
चेतावनी के लिये तानी थी पिस्टल, गलती से लगी गोली
प्रशांत ने बताया कि उसने पिस्टल सिर्फ चेतावनी देने के लिए तानी थी लेकिन गलती से फायर हो गया। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी ने इसके अलावा दोनों से कई अन्य सवाल भी किए। मसलन क्या दोनों विवेक और उसकी सहकर्मी को पहले से जानते थे? इस पर दोनों ने इनकार कर दिया। एसआईटी ने यह भी पूछा कि वारदात के बाद किसने पुलिस को सूचना दी? कौन अधिकारी मौके पर पहले पहुंचा? वारदात के बाद दोनों की किन-किन लोगों से बात हुई? एसआईटी दोनों के कॉल डिटेल्स भी खंगाल रही है। इससे पहले पुलिस ने एकमात्र चश्मदीद सना का 164 के तहत मजिस्ट्रेट के सामने कलमबंद बयान भी दर्ज करवाया। बयान दर्ज कराने के बाद सना ने बताया कि वह अपने पहले के बयान पर अडिग है।