केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा मैंने कल भी कहा था अहमदाबाद बम धमाकों के तार सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं, इसलिए अखिलेश यादव अभी तक मौन हैं। कारण क्या है? आतंकी का अब्बूजान समाजवादियों का भाईजान इसलिए बंद है जुबान, अखिलेश की बंद है जुबान।
इस पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि जहां तक सवाल अनुराग ठाकुर का है तो जिस समय वह घटना हुई थी (2008 अहमदाबाद बम धमाका) तो हम लोग (मैं, अनुराग ठाकुर और नीरज शेखर) एक ही गाड़ी में बैठकर रक्षा कार्यालय गए थे, जहां प्रादेशिक सेना की ट्रेनिंग थी। अगर मैं आतंकवादी हूं तो वह भी आतंकवादी होंगे।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश कानून से चलेगा। समाजवादी पार्टी संस्थाओं को मजबूत करेगी। हम संस्थाओं को हटाकर कोई नया राज नहीं ला सकते। हम लोकतंत्र में रहते हैं इसलिए मैंने कहा यह देश का सबसे बड़ा चुनाव होने जा रहा है। यह चुनाव लोकतंत्र और संविधान को बचाने का चुनाव है।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में तीसरे चरण के मतदान के दौरान इटावा में समाजवादी पार्टी का कुनबा जुटा। समाजवादी पार्टी के संस्थापक तथा सरंक्षक मुलायम सिंह यादव ने इटावा के सैफई में मतदान किया। व्हीलचेयर पर मतदान करने पहुंचे समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव को देखने के लिए भारी भीड़ एकत्र थी। इटावा के जसवंतनगर से शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी हैं।
अखिलेश यादव के साथ मौजूद उनकी पूर्व सांसद पत्नी डिंपल यादव ने कहा कि प्रदेश में सिर्फ समाजवादी पार्टी ने ही महिलाओं के विकास के लिए काम किया है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में महिलाएं बेहद असुरक्षित हैं। ताजा मामला लखनऊ में एक महिला सिपाही का शव नाला में मिलने का है। भाजपा सरकार के कार्यकाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त है। उत्तर प्रदेश की जनता तो अखिलेश यादव के साथ है। प्रदेश में सपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है। उत्तर प्रदेश की जनता अब बदलाव चाहती है। इस बार चुनाव में सपा को जनता का पूर्ण समर्थन मिल रहा है।
हाथरस विधानसभा क्षेत्र के गांव भीम नगरिया के लोगों ने सड़क निर्माण न होने के विरोध में मतदान का बहिष्कार कर दिया। वहीं, हाथरस सदर सीट से सपा प्रत्याशी ब्रजमोहन राही ने अपनी पत्नी के साथ मतदान किया।
कानपुर में बिल्हौर विधानसभा के कसगंवा गांव में पानी, नाली, पुल व तमाम समस्याओं से परेशान ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया। मतदान न होने की सूचना पर निर्वाचन संबंधित अधिकारियों के हाथ-पैर फूले। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों को समझाने व मांगी गई सारी मांगों को भी माना। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक लिखित तौर पर सारी चीजें नहीं दी जाएंगी तब तक बहिष्कार जारी रखेंगे।
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