बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आपसी सहमति से समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। धारा 377 को रद्दद कर दिया। समलैंगिकता को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद लखनऊ में होमों सेक्चुअल लोगों ने Awadh Pride Committee हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर पर केक काटकर और आजादी के नारे लगाकर मनाया जश्न,कहा सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य लेकिन अभी समाज में भी इसको लेकर आजादी की जंग बाकी है। इस दौरान शहर भर के कई एलजीबीटी ग्रुप्स ने इसमें हिस्सा लिया। इस दौरान केक काटकर एक दूसरे को बधाई दी।
पायल फाउंडेशन की अध्यक्ष किन्नर पायल ने भी सुुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले से एलजीबीटी व ट्रांसजेंडर्स को काफी राहत मिलेगी। अब समाज में इसको लेकर जागरुकता भी बढ़ेगी।
बता दें कि 1860 में अमल में आए धारा 377 में बेहद सख्त सजा का प्रावधान किया गया था। इसके तहत दोषी पाए जाने पर 14 साल जेल से लेकर आजीवन कारावास तक की व्यवस्था की गई थी। इस धारा में सजा के साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान किया गया था। आईपीसी की इस धारा में अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने को दंडनीय अपराध माना गया था।