scriptवसीम रिजवी के बोल- ‘धारा 377 रद्द होने से कट्टरपंथी मौलानाओं को राहत’ | Waseem rizi speaks on supreme court decision on article 377 | Patrika News

वसीम रिजवी के बोल- ‘धारा 377 रद्द होने से कट्टरपंथी मौलानाओं को राहत’

locationलखनऊPublished: Sep 06, 2018 07:59:35 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चित शिया वक्फ बोर्ड के चैयरमैन वसीम रिजवी ने अब धारा 377 के रद्द होने पर अजीबोगरीब बयान दिया है।

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लखनऊ. अक्सर अपने बयानों को लेकर चर्चित शिया वक्फ बोर्ड के चैयरमैन वसीम रिजवी ने अब धारा 377 के रद्द होने पर अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने कहा कि आज होमोसेक्चुअल और लेस्बियन को लेकर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सबसे ज्यादा राहत कट्टरपंथी मौलानाओ को होगी। वह बोले, होमोसेक्चुअल की इस्लाम में सख्त मनाही है। फिर भी इस्लाम की तालीम देने वाले कट्टरपंथी मदरसों में मौलाना इस तरह की क्रियाओं में लिप्त रहते हैं। उनके मुताबिक, सबसे बड़ी राहत कट्टरपंथी मदरसों के मुल्लाओं को मिली है। होमो सेक्चुएलिटी मामले में कानूनी दुश्वारियां अब इन मौलानाओं के लिए समाप्त हो चुकी हैं।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को आपसी सहमति से समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। धारा 377 को रद्दद कर दिया। समलैंगिकता को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद लखनऊ में होमों सेक्चुअल लोगों ने Awadh Pride Committee हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर पर केक काटकर और आजादी के नारे लगाकर मनाया जश्न,कहा सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य लेकिन अभी समाज में भी इसको लेकर आजादी की जंग बाकी है। इस दौरान शहर भर के कई एलजीबीटी ग्रुप्स ने इसमें हिस्सा लिया। इस दौरान केक काटकर एक दूसरे को बधाई दी।
पायल फाउंडेशन की अध्यक्ष किन्नर पायल ने भी सुुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इस फैसले से एलजीबीटी व ट्रांसजेंडर्स को काफी राहत मिलेगी। अब समाज में इसको लेकर जागरुकता भी बढ़ेगी।
बता दें कि 1860 में अमल में आए धारा 377 में बेहद सख्‍त सजा का प्रावधान किया गया था। इसके तहत दोषी पाए जाने पर 14 साल जेल से लेकर आजीवन कारावास तक की व्‍यवस्‍था की गई थी। इस धारा में सजा के साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान किया गया था। आईपीसी की इस धारा में अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने को दंडनीय अपराध माना गया था।
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