पत्र में वसीम रिजवी लिखते हैं, ”विकास तो हर सरकारों का कर्तव्य होता है। उन्होंने खत में लिखा है, “ पिछले चार सालों में आपकी सरकार में जो विकास हुआ है वह आपकी जिम्मेदारी थी। जिसे आपने पूर्ण रूप से निभाया है। विकास हुकूमतों का कर्तव्य है, मुद्दा नहीं है। श्रीराम मंदिर निर्माण हिंदुस्तान का एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिससे 80 करोड़ हिंदुओं की आस्था जुड़ी हुई है।”
‘राम मंदिर तो बताया सबसे बड़ा मुद्दा’ शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमेन वसीम रिजवी ने पत्र में लिखा है कि राम मंदिर निर्माण मुद्दा ही देश का सबसे बड़ा मुद्दा है जिसे विकास की आढ़ में नजरंदाज नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा है कि पिछले 70 साल से कुछ कट्टरपंथी मुसलामानों की वजह से 80 करोड़ हिंदुओं की आस्था अदालत के दरवाजों पर खड़ी है। नफरत का बाजार गर्म है, आम मुसलमान भी दहशत में है और अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहा है। आज के हालात को देखते हुए लगता ही कि किसी भी वक्त बड़ा फसाद हो सकता है जिसके पीछे शत्रु मुल्क पाकिस्तान की साजिश भी जारी है।
पहले भी कई बार दे चुके हैं बयान बता दें कि वसीम रिजवी इससे पहले भी कई बार राम मंदिर को लेकर इस तरह के बयान दे चुके हैं। वसीम रिजवी आगे लिखते हैं ‘शिया वक्फ बोर्ड इस मसले का हल चाहता है। इसके लिए उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड और हिंदू पक्षकारों के बीच एक रास्ता एकता की ओर पारित किया जा चूका है। इस प्रस्ताव से हिंदू पक्षकार भी सहमत है। इस प्रस्ताव के मुताबिक अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण हो और लखनऊ में मस्जिद-ए-अमन का निर्माण हो।