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गांधी दर्शन पर जैन संस्कृति का प्रभाव” विषय पर वेबिनार का आयोजन

locationलखनऊPublished: Oct 02, 2020 05:06:16 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

गांधी के जीवन पर अपरिग्रह का गहरा प्रभाव पड़ा ।

Webinar organized on Gandhi philosophy

Webinar organized on Gandhi philosophy

लखनऊ। उ.प्र.जैन विद्या शोध संस्थान के तत्वावधान में गांधी जयन्ती के अवसर पर “गांधी दर्शन पर जैन संस्कृति का प्रभाव” विषय पर वेबिनार का आयोजन शुक्रवार को संस्थान के मुख्य कक्ष से हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं मंगलाचरण के साथ हुआ। प्रतिभागी विद्वानों का स्वागत परिचय के साथ निदेशक डॉ. राकेश सिंह ने किया। विषय प्रवर्तन करते हुए उपाध्यक्ष प्रो.अभय कुमार जैन ने कहा कि महावीर द्वारा प्रतिपादित अहिंसा और सत्य के अतिरिक्त गांधी के जीवन पर अपरिग्रह का गहरा प्रभाव पड़ा ।
गांधी ने आवश्यकता से अधिक सभी वस्तुओं को छोड़कर सीमित साधनों के साथ जीवन जिया। शरीर पर अंगी और धोती को धारण करना गांधी के अपरिग्रह का साक्षात प्रमाण है।गांधी ने जो कहा उसको अपने जीवन में उतार कर जनता के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया।
सभाध्यक्ष के रूप में लालबहादुर शास्त्री संस्कृत वि.वि.,नई दिल्ली के प्रो.वीर सागर जैन,नई ने कहा कि गांधी की अहिंसा का सीधा संम्बन्ध मानवीय पीड़ाओं के समाधान से था। गान्धी ने अहिंसा जीने की कला है यह सिद्ध कर दिखाया। सभी वक्ताओं के विचारों को समन्वित करते हुये कहा कि वर्तमान युग में गान्धी ने अहिंसा द्वारा न केवल देश को स्वतंत्र कराया वरन् अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अहिंसा को स्थापित किया।
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