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जरूरी प्रोटोकाल अपनाएं – मलेरिया से अपने को बचाएं : डॉ. त्रिपाठी

locationलखनऊPublished: Apr 25, 2021 07:01:46 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

मलेरिया दिवस पर वेबिनार का आयोजन

जरूरी प्रोटोकाल अपनाएं - मलेरिया से अपने को बचाएं : डॉ. त्रिपाठी

जरूरी प्रोटोकाल अपनाएं – मलेरिया से अपने को बचाएं : डॉ. त्रिपाठी

लखनऊ , कोरोना ने दूसरी बार देश को प्रभावित किया है। इस समय बड़ी संख्या में लोग उपचाराधीन हो रहे हैं ।हम कोरोना से बचाव के जरूरी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जहाँ कोरोना से बच सकते हैं वहीँ हम अपने घर और आस-पास साफ़ सफाई रखकर मलेरिया से बच सकते हैं। यह बातें राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियन्त्रण कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. के.पी.त्रिपाठी ने विश्व मलेरिया दिवस के अवसर पर आयोजित एक वेबिनार में कहीं ।यह वेबिनार राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत फैमिली हेल्थ इण्डिया के तत्वावधान में गोदरेज के सहयोग से संचालित ‘एम्बेड परियोजना‘ के तहत स्वास्थ्य विभाग के समन्वय से आयोजित किया गया था।
डॉ. त्रिपाठी ने कहा- हर साल 25 अप्रैल को लोगों को मलेरिया के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है।मलेरिया कभी जानलेवा हुआ करता था लेकिन अब ऐसा नहीं हैं । आशा कार्यकर्ताओं की मलेरिया उम्मूलन में महत्वपूर्ण भूमिका है।जहाँ वह लोगों को मलेरिया से बचाव के लिए जागरूक करती हैं वहीँ मलेरिया रैपिड जांच किट के द्वारा अपने क्षेत्र में बुखार से पीड़ित रोगियों की जांच भी करती हैं । व्यक्ति में मलेरिया की पुष्टि होने पर सम्बन्धी सीएचसी,पीएचसी से दवा मुहैया कराई जाती है।
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इस अवसर पर जिला मलेरिया अधिकारी डीएन शुक्ला ने कहा- मलेरिया की रोकथाम के लिए विभागीय टीमें सक्रिय रहती हैं।इसमें नगर निगम भी सहयोग करता है। मच्छररोधी दवाओं का छिड़काव समय-समय पर किया जाता है ।साथ ही हर रविवार मच्छर पर वार अभियान के तहत हम लोग जिले के विभिन क्षेत्रों में कैम्प लगाकर लोगों को जागरूक भी करते हैं और मच्छर के लार्वा के पनपने वाले स्थल का पता भी लगाते हैं ।
एम्बेड के समन्वयक धर्मेन्द्र त्रिपाठी में बताया कि एलिमिनेशन ऑफ़ मोस्क्यूटो बोर्न डिजीज कार्यक्रम लखनऊ सहित बरेली, बदायूं और कानपुर के शहरी क्षेत्र में चल रहा है । इस कार्यक्रम के तहत बिहेवियर चेंज कम्युनिकेशन फेसिलिटेटर (बीसीसीएफ़) के माध्यम से लोगों को वेक्टर जनित रोगों के बारे में जागरूक किया जाता हैं। संक्रमित होने की दशा में बताया कि किसी भी प्रकार का बुखार होने पर अपने क्षेत्र की आशा, ए.एन.एम. अथवा बिहेवियर चेंज कम्युनिकेशन फेसिलिटेटर (बीसीसीएफ़) से संपर्क करें अथवा नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर निःशुल्क उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठायें।
मलेरिया के समान्य लक्षण

सिरदर्द, तेज बुखार, अधिक पसीना आना, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी, जी मचलाना और खांसी आना हैं ।इसके विशेष लक्षणों में अधिक ठंङ लगने के कारण कंपकंपी आना, छाती और पेट में तेज दर्द होना, शरीर में ऐंठन होना , मल के साथ रक्त आना है। संक्रमण के पश्चात मलेरिया के लक्षण आमतौर पर 10 दिन से 4 सप्ताहों में विकसित हो सकते है। कई मामलों में लक्षण कई महीनों तक विकसित नहीं होते हैं क्योंकि मलेरिया के परजीवी शरीर में प्रवेश कर लम्बे समय तक सुप्त अवस्था में पडे रहते हैं। अक्सर मलेरिया के कारण दिखाई देने वाले सामान्य लक्षण दूसरे संक्रामक रोगों में भी दिखाई देते हैं, इसलिए विशेष लक्षण इसे पहचानने में सहायता करते है।
डायग्नोसिस और उपचार

लक्षणों के गंभीर होने का इंतजार न करें। तुरंत उपचार जरूरी है, क्योंकि लक्षण गंभीर होकर जानलेवा हो सकते है। आपकी उम्र, आप कौन से परजीवी से संक्रमित है, लक्षण कितने गंभ्भीर है। महिला गर्भवती तो नहीं है इसके आधार पर ही परजीवी को मारने के लिए दवाएं दी जाती हैं। मलेरिया के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। उपचार में देरी न करें।
बचाव के उपाय

एनाफिलीस मच्छर अंधेरे में अधिक सकिय रहता है, ऐसे में शाम ढलने से लेकर सुबह होने तक इससे बचाव के लिए सभी जरूरी उपाय करें। ऐसे कपडे पहने जिसमें शरीर पूरी तरह ढका रहे, मच्छररोधी स्प्रे करें या लोशन लगाएं, मच्छरदानी में सोएं, कीटनाशकों का छिड़काव, घर के आस-पास गंदा पानी इकठ्ठा न होने दें, क्योंकि यह मच्छरों के ब्रीडिंग ग्राउण्ड हैं, जालीदार दरवाजे एवं खिडकियों का उपयोग करें, बाथरूम एवं टायलेट को यथा संभव साफ-सुथरा एवं सूखा रखें और घर के अन्दर और आस-पास गंदगी न पनपने दें।
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