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यूपी में शादियों को लेकर क्या है सरकार की गाइडलाइन, कोरोना कर्फ्यू के दौरान अब कैसे बजेगी शहनाई

locationलखनऊPublished: May 06, 2021 02:56:51 pm

Wedding Ceremonies Guidelines in UP: श्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते उत्तर प्रदेश के हालात भयावह होते जा रहे हैं। इस संक्रमण काल में जिन लोगों की शादी-ब्याह की तारीखें तय हैं, उनके सामने काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

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लखनऊ. Wedding Ceremonies Guidelines in UP: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते उत्तर प्रदेश के हालात भयावह होते जा रहे हैं। इस संक्रमण काल में जिन लोगों की शादी-ब्याह की तारीखें तय हैं, उनके सामने काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लेकिन फिर भी जिम्मेदार आलाधिकारी इन कार्यक्रमों को लेकर लागू व्यवस्था पर पूरी तरह से मौन और बेफिक्र बने हुए हैं। उनकी तरफ से इस दौरान होने वाली शादियों को लेकर गाइडलाइंस को स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। दरअसल योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से जारी पिछले दो शासनादेशों में शादी-समारोह का जो जिक्र है, उसके आधार पर अनुमति जारी रहने या न रहने पर शासन की चुप्पी साधे हुए है। जिसके चलते लोगों को पता नहीं चल पा रहा कि शादियों पर रोक है या छूट। यानी जिसके घर में शादी है तो उसका अपना रिस्क है। पुलिस-प्रशासन अपनी मर्जी से मौके पर ही तय करेगा कि क्या करना है।
संशय में परिवार

दरअसल यूपी में कोरोना वायरस संक्रमण से आज जो हालात हैं, उनका अंदाजा न तो आम इंसान को था और न ही शासन को। लेकिन कुछ परिवारों की मजबूरी ऐसी है कि बेटे-बेटियों की शादी तय हो चुकी है। अब शायद उनकी स्थिति ऐसी नहीं है कि वह उसकी तारीख आगे बढ़ा सकें। ऐसे में उनकी परेशानी बढ़ गई है। वह संशय में हैं कि उनका कार्यक्रम कैसे निपटेगा। दरअसल कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर का प्रभाव बढ़ने पर योगी सरकार ने शासनादेश जारी किया था, जिसमें उल्लेख था कि शादी-समारोह खुले स्थान पर करने पर उस क्षेत्रफल की निर्धारित क्षमता का पचास फीसदी और अधिकतम सौ व्यक्ति, जबकि बंद स्थान, हाल आदि में अधिकतम पचास व्यक्तियों के शामिल होने की अनुमति रहेगी। जिसके बाद आमजन ने उसी शासनादेश के आधार पर होटल-मैरिज हाउस आदि की बुकिंग कराई।
शादी जैसे कार्यक्रम को लेकर नहीं आया कोई शासनादेश

उसके बाद 16 अप्रैल को जारी हुए दूसरे शासनादेश में कहा गया कि शनिवार रात से सोमवार सुबह तक कोरोना कर्फ्यू रहेगा। कोरोना कर्फ्यू की इस अवधि में आवश्यक सेवाओं को ही परमीशन मिलेगी। इसमें शादी-समारोह का कोई जिक्र नहीं किया गया। फिर 29 अप्रैल को एक शासनादेश और जारी हुआ, जिसमें संपूर्ण जिला, वार्ड, कस्बा आदि को कंटेनमेंट जोन बनाए जाने की शर्तें थीं। उसमें शादी-समारोह में अधिकतम पचास व्यक्ति और अंतिम संस्कार में अधिकतम बीस व्यक्तियों के शामिल होने का उल्लेख था। फिर कोरोना से बिगड़ते हालात को देखकर सरकार ने पहले कोरोना कर्फ्यू को शुक्रवार रात से सोमवार सुबह तक कर किया, फिर शुक्रवार रात से मंगलवार और गुरुवार तक विस्तार देने के बाद अब सोमवार सुबह तक बढ़ा दिया। मगर इस बीच एक बार भी शादी-समारोह की अनुमति के संबंध में कोई संशोधित शासनादेश जारी नहीं किया गया। जिसके चलते वह लोग परेशान हैं, जिनके घरों में शादी है। वह इस संशय में हैं कि उन्हें क्या करना है।
टाल देनी चाहिये शादी

ऐसे में 12 अप्रैल और 29 अप्रैल वाले शासनादेश तो अनुमति दे रहे हैं, लेकिन 16 अप्रैल के कोरोना कर्फ्यू वाले आदेश के मुताबिक, कोई आयोजन नहीं हो सकते। ऐसे में शादी वाले घरों के लोग परिवार परेशान हैं। वह जानकारी कर रहे हैं, लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं हो पा रही है। वहीं इस संबंध में उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी का कहना है कि हालात को देखते हुए सभी को शादी-समारोह टाल देना चाहिए या फिर घर ही घर में शादी कर ली जानी चाहिए, क्यों कोरोना संक्रमण के इस भयानक दौर में हम किसी को भी इकट्ठा होने की अनुमति नहीं दे सकते।
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