इन लोगों को मिलता है लाभ देश में सभी फैक्ट्रियों, खदानों, ऑयल फील्ड, बंदरगाहों और रेलवे पर पेमेंट एंड ग्रेच्युटी एक्ट लागू होता है। इसके साथ-साथ 10 से ज्यादा लोगों को नौकरी देने वाले दुकानों और कंपनियों के कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी का बेनिफिट (Gratuity Benefits) मिलता है।
ग्रेच्युटी की निर्भरता ग्रेच्युटी दो बातों पर निर्भर करती है। एक- पिछला वेतन और दूसरा सेवा की अवधि। यह पता करने के लिए कि आपको कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी निजी क्षेत्र के एम्प्लाई के लिए पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 को दो भागों में बांटा गया है। इसमें ग्रेच्युटी एक्ट के तहत आने वाले एम्प्लॉई और कानून के तहत न आने वाले एम्प्लॉई शामिल हैं। कोई भी कंपनी ग्रेच्युटी एक्ट के तहत तब आएगी, जब उसकी कंपनी ने पिछले 12 महीने में प्रतिदिन कम से कम 10 लोगों को रोजगार दिया हो।
ग्रेच्युटी एक्ट के दायरे में न आने वाली कंपनी भी दे सकती है लाभ अगर कोई कंपनी ग्रेच्युटी एक्ट के दायरे में नहीं आती है, तो भी उस कंपनी का एम्प्लाई जो ग्रेच्युटी के मापदंड को पूरा करता हो, वह इसका लाभ ले सकता है। कानून के तहत न आने वाली कंपनी में आखिरी महीने के वेतन से ठीक पहले 10 महीने की सैलरी के औसत को ग्रेच्युटी के लिए औसत सैलरी मानी जाती है। मान लीजिए कि आपकी सैलरी 50,000 रुपये है तो इसकी गणना ऐसे की जा सकती है- (15 X 50,000 X 15) /30 = 3.75 लाख रुपये।
नोटिस पीरियड भी होता है काउंट ग्रेच्युटी में एम्प्लाई का नोटिस पीरियड भी काउंट होता है। नोटिस पीरियड को ‘लगातार सर्विस’ में काउंट किया जाता है।