scriptराजन तिवारी की इंट्री कराने वाले भाजपा नेताओं पर गिर सकती है गाज | Who is Rajan Tiwari, Who is responsible for His joining in BJP, Yogi | Patrika News

राजन तिवारी की इंट्री कराने वाले भाजपा नेताओं पर गिर सकती है गाज

locationलखनऊPublished: May 07, 2019 12:38:45 pm

Submitted by:

Anil Ankur

वोट के बाद लगेगी चोट

The commission gave clean chit to Modi's rally on May 6, but BJP retre

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लखनऊ। सीएम योगी आदित्यनाथ इन दिनों नाराज चल रहे हैं। उनकी नाराजगी का कारण है कि उनकी बगैर जानकारी के भाजपा में गोरखपुर के नेता राजन तिवारी को लखनऊ में भाजपा में शामिल करा लिया गया। सीएम ने अपने गुस्से का इजहार पार्टी अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र नाथ पांडेय से किया है। कहा जा रहा है कि इस पर पार्टी सख्त हो गई है और उन लोगों से पूछताछ कर रही है जिन्होंने राजन तिवारी को भाजपा में शामिल कराया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि पार्टी में शामिल कराने वाले लोगों को यह स्पष्ट करना होगा कि आखिर किन कारणों से राजन तिवारी को भाजपा में शामिल किया गया। उन्हें पार्टी में शामिल करने का अधिकार किसने दिया। समाचार पत्रों में शामिल कराने की जो तस्वीर छपी है उसमें योगी सरकार के मंत्री आसुतोष टंडन राजन तिवारी के साथ दिखाई दे रहे हैं। यह देखने की बात होगी कि अब योगी की यह नाराजगी किसे डसेगी।
अगर धनंजय नहीं तो राजन तिवारी कैसे

सूत्रों का कहना है कि जब जौनपुर में निषाद पार्टी को समझाते के तहत टिकट दी जा रही थी तो योगी इस पर आपत्ति दर्ज की थी कि निषाद पार्टी धनंजय सिंह को टिकट नहीं देगी। जब वहां बाहुबली को टिकट नहीं मिलने दी गई तो ऐसी स्थिति में दबंग राजन तिवारी की पार्टी में कैसे इंट्री हो गई। कहा जा रहा है कि भाजपा हाई कमान ने इसे गंभीरता से लिया है। मतदान समाप्त होने के बाद राजन तिवारी की छुट्ी तो होगी ही साथ ही उसे पार्टी में शामिल कराने वाले के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।
चुपचाप हुई थी राजन तिवारी की इंट्री

उल्लेखनीय है कि भाजपा ने बीते शुक्रवार को कथितरूप से कई हत्याओं, अपहरण व आपराधिक घटनाओं में आरोपित रहे राजन तिवारी को पार्टी की सदस्यता दिलाई थी। भाजपा के रणनीतिकारों को भी पता था कि इसको लेकर सवाल खड़े हो सकते हैं, इसलिए जॉइनिंग की न तो कोई आधिकारिक सूचना दी गई और न ही जॉइनिंग के बाद ही कोई अधिकृत बयान जारी किया गया। हालत यह थी कि राजन तिवारी ने खुद अपनी जॉइनिंग की फोटो सोशल मीडिया पर शेयर की थी। इसी के बाद से ही सवाल खड़े होने शुरू हो गए।
कौन है राजन तिवारी

राजन तिवारी गोरखपुर के रहने वाले हैं। सूत्रों की माने तो यह कुख्यात माफिया श्रीप्रकाश शुक्ला का साथी रहे हैं। गोरखपुर में पढ़ाई-लिखाई के दौरान ही राजन तिवारी का नाम अपराधजगत से जुड़ गया। वह खुद यूपी में कई आपराधिक घटनाओं में शामिल रहे हैं। राजन का नाम यूपी पुलिस की वॉन्टेड लिस्ट में भी शामिल था। पूर्वांचल से विधायक रहे वीरेंद्र प्रताप शाही पर हमले में भी इनका नाम आया था। बाद में राजन का नाम बिहार के अपराध से जुड़ गया। यहां राजन का नाम तब सुर्खियों में आया जब 1998 में राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व मंत्री बृजबिहारी प्रसाद की अस्पताल में ही निर्मम हत्या कर दी गई। 2009 में सीबीआई कोर्ट ने श्रीप्रकाश शुक्ला और राजन तिवारी समेत 5 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। लेकिन, 2014 में पटना हाई कोर्ट ने सभी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था। इसके बाद राजन राजनीति में सक्रिय हो गए और बिहार से दो बार विधायक बने। राजद के बाद 2017 में उप्र में बसपा में शामिल हो गए। अब प्रदेश भाजपा में हैं।
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