शैलेंद्र सिंह द्वारा माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ की गई इतनी बड़ी कार्रवाई से तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार उनसे नाराज हो गई थी। सरकार ने उन पर पोटा खत्म करने का दबाव बनाया था। फसर शैलेंद्र सिंह ने इससे इंकार कर दिया तो उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया। इस कारण उन्होंने डिप्टी एसपी पद से इस्तीफा दे दिया था।
इस्तीफे के कुछ माह बाद वाराणसी कैंट थाने में डीएम कार्यालय के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी लालजी की तरफ से तोड़फोड़, मारपीट, हंगामे की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मामले में शैलेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और पुलिस ने चार्जशीट तक कोर्ट में दाखिल कर दी। वहीं, योगी सरकार ने 2021 में शैलेंद्र सिंह पर दर्ज इस केस को वापस ले लिया था। शैलेंद्र सिंह 1991 बैच के पीपीएस अफसर हैं। शैलेंद्र सिंह के बाबा राम रूप सिंह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।
शैलेंद्र सिंह, मूल रूप से चंदौली के फेसुड़ा गांव के हैं। मूल रूप से चंदौली जिले के फेसुड़ा गांव के रहने वाले हैं।अब शैलेंद्र सिंह गौसेवा और आर्गेनिक खेती कर रहे हैं। पूर्व डिप्टी एसपी शैलेंद्र सिंह का कहना है कि माफिया पहले खुलेआम घूमते थे। जब बड़े माफिया पर कड़ी कार्रवाई होती है तो छुटभैये वैसे ही शांत हो जाते हैं और समाज को एक बड़ा संदेश मिलता है।