इस कारण से वीआईपी हो गई थी सीट पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कारण लखनऊ सीट वीआईपी हो गई थी। 1991 में अटल बिहारी वाजपेयी ने लखनऊ सीट को भाजपा की झोली में डाला था उसके बाद कोई दल यहां टिक नहीं पाया और भाजपा यहां से लगातार जीतती आई। कांग्रेस व सपा ने तो उम्मीदवारों को आयात तक किया था, लेकिन उसका कोई लाभ नहीं हुआ था। फिल्म अभिनेता से लेकर फिल्मकार और कश्मीर के शाही परिवार से भी यहां चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन किसी को सफलता नहीं मिली।
जितिन को लड़ाने की थी चर्चा
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद को लखनऊ से लड़ाने की पिछलों दिनों चर्चा हो रही थी, लेकिन यह केवल चर्चा ही रह गई और जितिन प्रसाद के धौरहरा से ही चुनाव लडऩे की बात पक्की हो गई। कांग्रेस यहां से किसको अपना प्रत्याशी बनाती है यह अभी तय नहीं है।
कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद को लखनऊ से लड़ाने की पिछलों दिनों चर्चा हो रही थी, लेकिन यह केवल चर्चा ही रह गई और जितिन प्रसाद के धौरहरा से ही चुनाव लडऩे की बात पक्की हो गई। कांग्रेस यहां से किसको अपना प्रत्याशी बनाती है यह अभी तय नहीं है।