उत्तर प्रदेश में कम से कम 20 सीटों पर कांग्रेस की मजबूत दावेदारी मानी जा रही है। इनमें अमेठी, रायबरेली, कुशीनगर, सहारनपुर, गाजियाबाद, बाराबंकी, कानपुर, लखनऊ, झांसी, फर्रुखाबाद, बरेली, लखीमपुर-खीरी, बलरामपुर, प्रतापगढ़, धौरहरा और उन्नाव आदि लोकसभा सीटें शामिल हैं। कांग्रेस किसी भी कीमत पर यह सीटें छोड़ने को तैयार नहीं होगी वहीं, सपा-बसपा कांग्रेस को दो सीटों (अमेठी-रायबरेली) से ज्यादा देने को तैयार नहीं हैं।
2014 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने कुल पांच सीटों पर जीत दर्ज की थी। इनमें बदायूं (धर्मेन्द्र यादव), कन्नौज (डिंपल यादव), मैनपुरी-आजमगढ़ (मुलायम सिंह यादव) और फिरोजाबाद (अक्षय यादव) जीते। मुलायम के मैनपुरी से इस्तीफे के बाद अब यह सीट तेज प्रताप यादव के पास है। आम चुनाव में समाजवादी पार्टी 31 लोकसभा सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी। पार्टी को मिला कुल मत प्रतिशत 22.2 फीसदी था।
2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में दो सीटें अमेठी (राहुल गांधी) और रायबरेली (सोनिया गांधी) जीती थीं, वहीं कांग्रेस के छह उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे। इनमें कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर (गाजियाबाद), पार्टी प्रवक्ता पीएल पुनिया (बाराबंकी), पूर्व कांग्रेसी रीता बहुगुणा जोशी (लखनऊ), पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री प्रकाश जायसवाल (कानपुर), पूर्व केंद्रीय मंत्री कुंअर आरपीएन सिंह (कुशीनगर) और प्रदेश उपाध्यक्ष इमरान मसूद (सहारनपुर) के नाम शामिल हैं। आम चुनाव में यूपी में कांग्रेस को मिला कुल मत प्रतिशत 7.5 फीसदी था।
नरेंद्र मोदी लहर में बहुजन समाज पार्टी भले ही एक भी सीट नहीं जीत पाई हो, लेकिन चुनाव में बसपा को करीब 20 फीसदी वोट हासिल हुए। इतना ही नहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव में जिन प्रत्याशियों को टिकट दिया था, उनमें 34 उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे। इसीलिए बहुजन समाज पार्टी कम से 34 प्लस सीटों का टारगेट मानकर चल रही है।