क्यों मनाया जाता है बाल दिवस
आज के दिन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्म हुआ था। आज उनकी जंयती को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में इनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बच्चों के अधिकार, देखभाल और शिक्षा के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है। भारत के अलावा बाल दिवस दुनिया भर में अलग अलग तारीखों पर मनाया जाता है। कहा जाता है कि पंडित नेहरू बच्चों से बेहद प्यार करते थे इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में चुना गया। पंडित नेहरू ने भारत की आजादी के बाद बच्चों की शिक्षा, प्रगति और कल्याण के लिए बहुत काम किया। उन्होंने विभिन्न शैक्षिक संस्थानों जैसे भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और भारतीय प्रबंधन संस्थान की स्थापना की थी।
क्या है बाल दिवस का इतिहास
बाल दिवस की नींव 1925 में रखी गई थी, जिसके बाद 1953 में दुनिया भर में इसे मान्यता मिली। यूएन ने 20 नवबंर को बाल दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की लेकिन यह अन्य देशों में अलग-अलग दिन मनाया जाता है। कुछ देशों में आज भी 20 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता है। 1950 से कई देशों में बाल संरक्षण दिवस (1 जून) पर ही बाल दिवस मनाया जाता है। यह दिन बच्चों के बेहतर भविष्य और उनकी मूल जरूरतों को पूरा करने की याद दिलाता है।
बच्चे हैं देश का भविष्य
पंडित जवाहर लाल नेहरु बच्चों को देश के भविष्य की तरह देखते थे। पंडित नेहरु अपना अधिकतम समय बच्चों के साथ बिताना पसंद करते थे, वो हमेशा बच्चों के प्रति अपना लगाव जाहिर करते थे। भारत के आजाद होने के बाद 500 देसी रियासतों को एक झंडे के नीचे लाने से लेकर देश के युवाओं के लिए रोजगार आदि जैसे कार्य कर आधुनिक भारत के निर्माण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आयोग का गठन करने के बाद पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया, जिससे भारत में उद्योग का एक नया युग शुरु हुआ। नेहरु ने भारत की विदेश नीति में भी प्रमुख भूमिका निभाई।