यात्रियों की संख्या में यह गिरावट लेखराज मार्केट और इंदिरा नगर के बाद हजरतगंज में सबसे ज्यादा देखी गई। एलएमआरसी यानी लखनऊ मेट्रो रेल कारपोरेशन के अधिकारियों का मानना है, कि यह तीनों क्षेत्र कार्यालय और बाजार से जुड़े हैं, इसलिए लोग खरीदारी और काम पर जाने के लिए मेट्रो को प्राथमिकता नहीं दे रहे हैं। कुछ स्टेशनों पर यात्रियों के आवागमन में दैनिक गिरावट को देखें तो मार्च के महीने में ‘विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन’ पर हर रोज 6500 यात्रियों की गिरावट देखी गई। वही 1 मई से 11 मई तक हर रोज 3400 की गिरावट दर्ज की गयी।
‘चारबाग’ जैसे भीड़भाड़ वाले मेट्रो स्टेशन पर मार्च माह में जहां हर रोज 7400 यात्रियों का आवागन रिकार्ड किया गया वहीं 1 मई से 11 मई के बीच घटकर यह हर रोज 7100 यात्रियों तक पहुंच गया। ‘बादशाह नगर’ मेट्रो स्टेशन पर मार्च माह और 1 मई से 11 मई के बीच हर रोज 5500 यात्रियों की आमद बनी रही। यानी यहां कोई गिरावट नहीं आयी। एलएमआरसी के अधिकारयों के अनुसार कुछ स्टेशन ऐसे हंै जैसे लखनऊ विश्वविद्यालय, चारबाग, बादशाहनगर और आईटी कॉलेज पर भी कोई खास गिरावट नहीं है, इसका कारण यह है कि मेट्रो स्टेशन, रेलवे स्टेशन और शैक्षणिक संस्थानों के पास हैं। और यहां ऑटो सुविधा उपलब्ध है। दूसरे यात्रियों को यहां ज्यादा चलना नहीं पड़ता है। वजह साफ है यह ऑटो कनेक्टिविटी है। माना जा रहा है कि सन स्ट्रोक के डर से लोग पैदल नहीं चल रहे हैं। और मेट्रो की सेवा की बजाय वह ऑटो ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
एलएमआरसी ने मई में ऑटो रिक्शा या फिर फीडर बस सेवा की घोषणा की थी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। अधिकारियों के अनुसार जिस कंपनी के साथ जीपीएस-सक्षम सॉफ़्टवेयर विकसित करने के लिए अनुबंध किया गया था, वह अभी इसमें समय ले रही है। कंपनी को काम में तेजी लाने और जल्द से जल्द सेवा शुरू करने के लिए कहा गया है। जैसे ही मेट्रो स्टेशनों से ऑटो कनेक्टविटी शुरू हो जाएगी, यात्रियों की संख्या में इजाफा होगा।
प्रतिदिन यात्रियों की संख्या
स्टेशन मार्च मई
हजरतगंज 9000 5200
लेखराज 7000 4400
इंदिरानगर 6500 3400
विश्वविद्यालय6200 6000
चारबाग 7400 7100
बादशाहनगर5500 5500
नोट- 01 से 11 मई तक की संख्या