कहते हैं हनुमान जी का जन्मदिन तो दिवाली के एक दिन पहले यानी नरक चतुदर्शी के दिन हुआ था, लेकिन उन्हें अमरत्व का वरदान आज ही के दिन माता सीता से मिला था ।इसी कारण जेठ के मंगल को बड़ा मंगल और बूढ़वा मंगल भी कहते हैं।
अनुरागी दास बताते हैं कि हनुमान जी को गुस्सा नहीं आता है, इसलिए जो लोग बहुत ज्यादा गुस्सा करते हैं। उन्हें हनुमान जी की उपासना करने को कहा जाता है। हुनमान जी को बजरंग-बली इसलिए कहते हैं क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह मजबूत है।
जाने हनुमानजी को अमरत्व मिला कैसे
बाबा अनुरागी बताते हैं कि दुनिया में जिन देवताओं को अमरतत्व मिला हुआ है ,जिसमें से पवनपुत्र हनुमान जी एक हैं । जब बाल काल में हनुमानजी सूर्य को फल समझकर खाने जा रहे थे तो इंद्र ने उन पर वज्र से प्रहार किया था ,जिसके कारण उनकी ठुड्डी यानी हनु टूट गई थी , इस कारण ही उन्हें हनुमानजी कहा जाता है।
पंडित श्री ने बताया कि हनुमानजी 11वें रुद्र हैं। जो हनुमानजी का श्रद्धा से पूजा -अर्चना करते हैं ,उनका कष्ट जरूर कट जाता है । पण्डित जी ने यह भी बताया कि हनुमान जी को भगवान शिव का 11वां अवतार रूद्र माना जाता है जो कि अत्यंत बलवान भी है । संकट मोचन हनुमानजी का दर्शन करने से कष्ट दूर हो जाता है।