केस-1: परिवार परामर्श में किदवई नगर थाना क्षेत्र का मामला सुनवाई के लिए सामने आया। पति ने पत्नी की शिकायत करते हुए कहा कि उसकी मां के साथ नहीं रहना चाहती है। ऐसे में अकेली बूढ़ी मां को कहां छोड़ दे। लेकिन पत्नी कुछ भी सुनने को नहीं तैयार है। शादी के दो साल हो गए। रिश्ता बरकरार रखने के लिए पत्नी ने शर्त रखी है कि दूसरा घर ले या तो मां को छोड़ दे। पुलिस लाइन में दोनों को काउंसलिंग के लिए बुलाया जा रहा है। पत्नी फिलहाल मायके में रह रही है।
केस- 2: परिवार परामर्श में महाराजपुर थाना से स्थानांतरित होकर एक ऐसा ही मामला सामने आया है। मामले में डोमनपुर निवासी पति पप्पू ने अपनी पत्नी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इन्होंने बताया कि पत्नी बेटी को लेकर मायके चली गई। अब न तो खुद आ रही और न ही बेटी को भेज रही। आरोप है कि पत्नी आत्महत्या कर ससुरालियों को फसाने की धमकी भी देती है। जब पत्नी को मायके लेने गए तो वहां लोगों ने पति यानि पप्पू को ही घर में बंद कर लिया।
केस-3: सुनवाई के दौरान चकेरी थाना क्षेत्र का एक मामले सामने आया। इसमें पति ने अपनी पत्नी पर मारपीट का आरोप लगाते हुए पुलिस से मदद की गुहार लगाई। पति का कहना है कि शादी के 10-12 साल बाद अब पत्नी छोटी छोटी बातों में झगड़ा करती है। इतना ही नहीं बल्कि कभी कभी घर से बाहर रहने को भी बोली देती है। हालांकि मामले की कार्यवाही महिला थानाध्यक्ष को सौंपी गई है।
इनकी भी सुनिए ऐसे मामलों की वजह ये है कि लड़कियों की जल्दी शादी तो हो गई। लेकिन जब जिम्मेदारी और पारिवारिक रोक-टोक होती है तो झगड़ा शुरू होता है। उनमें समझ की भी कमी होती है। वह स्वतंत्र रहना चाहती है, जिसकी वजह से पति से लड़ाई होती है। - मनीषा बाजपेयी, काउंसलर
अब के समय में सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी प्रताड़ित हो रहे है। आर्थिक स्थितियां समझते हुए भी पत्नियों की मांग लम्बी रहती है। मांग नहीं पूरी होने से झगड़े शुरू होते है जो धीरे-धीरे बड़ी रूप ले लेता है। महिलाएं शिक्षित और स्वावलंबी होंगी तो झगड़े नहीं होंगे। - अंकिता वर्मा, महिला थानाध्यक्ष