लखनऊ

पत्नी ने अदालत से कहा- मेरा पति मुझे लौटा दो

बेटे से हार कर मां ने उठाया ये कदम, अदालत से कहा- मेरा पति मुझे लौटा दो

लखनऊOct 31, 2017 / 01:10 pm

Ruchi Sharma

court

लखनऊ. पति-पत्नी के रिश्ते को शब्दों में बयां करना नामुमकिन है। वैवाहिक बंधन में बंधने के बाद दोनों एक-दूजे का साथ जीवन के अंतिम पल तक निभाते हैं। वृद्धावस्था में भी यही दोनों एक दूसरे का सहारा बनते हैं, लेकिन नफासत और नजाकत का शहर कहे जाने वाले लखनऊ में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां एक “कलयुगी” बेटे ने अपनी बूढ़ी मां से उनके पति को अलग कर दिया है। मां ने इस मामले को अदालत के समक्ष उठाया लेकिन उसे वहां से भी राहत नहीं मिल पाई है। जी हां….पति-पत्नी को एक दूसरे से कोई अलग नहीं कर सकता। इसी धारणा को लेकर पुत्र की अवैध हिरासत से पति को मुक्त कराने की मांग वाली अर्जी तृप्ता जैन ने दायर की। जिसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संध्या श्रीवास्तव ने न्यायिक क्षेत्रधिकार के अभाव में खारिज कर दिया।
यह है मामला

तृप्ता जैन विभव खंड गोमती नगर की रहने वाली तृप्ता जैन ने अदालत के समक्ष धारा 97 द.प्र.स. के अंतर्गत अर्जी देकर कहा कि 69 वर्ष के उनके पति डिमेन्सिया (मानसिक बीमारी) से ग्रसित हैं। इस कारण वह हमेशा अचेत अवस्था में रहते हैं। जिसके चलते उनका लगातार इलाज चल रहा है। शिकायती अर्जी में कहा कि उनका छोटा पुत्र विपिन जैन विकल्प खंड गोमती नगर में रहता है। वह 23 अगस्त को मेरे नौकर के सहारे पति नरेन्द्र कुमार जैन को घुमाने ले जाने की बात कहकर बुला ले गया। उसके बाद से वह नहीं लौटा।
बाप बेटों में होती थी लड़ाई

पत्नी तृप्ता जैन ने अदालत में प्रार्थना पत्र में कहा कि पुत्र विपिन जैन अौर उनके पति में हमेशा लड़ाई होती रहती थी। इसके चलते वे अलग रहने लगे। तृप्ता जैन के मुताबिक घर में उनकी गैरमौजूदगी में पति को उनका पुत्र ले गया था। जब वे घर लौटी तो इसकी जानकारी उनके नौकर ने उनको दी। उन्होंने बताया कि बेटे से जब कहा गया कि उसके पति को वापस कर दे, तो उसने इन्कार कर दिया अौर लड़ाई-झगड़े पर उतर आया।

इस मामले को लेकर उनके रिश्तेदारों ने भी बेटे को समझाया कि मां को पिता अलग नहीं कर सकते, लेकिन इसका उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अर्जी में अदालत से सर्च वारंट जारी कर 2/429 विकल्प खंड से नरेन्द्र कुमार जैन को अवमुक्त कराने की मांग की गई थी।
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