मायावती ने लगा दिया था पोटा आपको बता दें कि राजा भैया और मायावती के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। ना मायावती उनको पसंद करती हैं और ना राजा भैया को मायावती फूटी आंख सुहाती हैं। २००३ में तो राजा भैया के खिलाफ मायावती ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, जिसके बाद राजा भैया पर पोटा जैसी धाराएं लगीं और वो जेल चले गए। यही कारण है कि बीजेपी ने भी राजा भैया को अपने पक्ष में वोट करने के लिए कोशिश की है। सपा बसपा का खेल बिगाडऩे के लिए राजा भैया सहित उनके करीबी विधायक विनोद सरोज भाजपा के रडार पर हैं। बीजेपी के एक बड़े नेता की मानें तो इन लोगों से बातचीत पूरी हो चुकी है। और ये निर्दलीय विधायक राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोट करेंगे।
अब राजा किसे पहुंचाएंगे राज्यसभा वैसे बीजेपी के इस दावे को इसलिए बल मिलता है कि राजा भैया के सीएम
योगी आदित्यनाथ से अच्छे
रिश्ते हैं। योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही राजा भैया के भदरी रियासत के उस करोड़ों के खजाने को भी लौटाया था जिसे मायावती की गवर्नमेंट ने जब्त कर लिया था। लेकिन राजा भैया के रिश्ते अखिलेश यादव से भी अच्छे हैं वे अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, वहीं राजा भैया मुलायम सिंह को भी काफी मानते हैं। अब राजा भैया का वोट 23 मार्च को किसे मिलेगा यह तो राजा भैया ही जानें, लेकिन सपा और भाजपा के दावे भी अपने जगह पर कम नहीं हैं। अब राजा भैया पर निर्भर करता है कि वे बीएसपी के भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा पहुंचाते हैं या भाजपा समर्थित अनिल अग्रवाल को।