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लखनऊ

मायावती के दुश्मन नंबर एक राजा भैया क्या मान लेंगे अखिलेश की बात और भूल जाएंगे वो लम्हा?

अखिलेश ने इस बाहुबली विधायक से बसपा उम्मीदवार के पक्ष में मांगा है समर्थन।

लखनऊMar 22, 2018 / 02:05 pm

Ashish Pandey

Will Raja Bhaiya obey Akhilesh
लखनऊ. राज्यसभा चुनाव के लिए अखिलेश यादव ने बसपा उम्मीदवार के पक्ष में वोट करने के लिए राजा भैया से समर्थन मांगा है। यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या राजा भैया अखिलेश यादव की बात मान लेंगे और मायावती के उम्मीदवार का समर्थन कर देंगे। 23 मार्च को यूपी से राज्सभा के दस सीटों पर चुनाव होने वाला है। इस चुनाव में भाजपा को आठ सीट तो सपा को एक सीट मिलनी तय है। बाकी बची एक सीट के लिए सपा-बसपा मिलकर भाजपा से मुकाबला करेंगे। इसी सीट के लिए अखिलेश यादव संख्या जुटाने की कवायद में जुटे हैं।
अखिलेश यादव ने निर्दलीय विधायक राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह और उनके समर्थक निर्दलीय विधायक विनोद सरोज से फोन पर बात की। सूत्रों की मानें तो अखिलेश यादव ने दोनों ही विधायकों से राज्यसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी के पक्ष में समर्थन मांगा। सबसे बड़ी बात यहां यह है कि अखिलेश यादव अपने प्रत्याशी के लिए नहीं बल्कि बसपा प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को जिताने के लिए समर्थन मांग रहे हैं। अगर ये दोनों निर्दलीय विधायकों ने बसपा उम्मीदवार को वोट कर दिया तो भीमराव अंबेडकर का राज्यसभा पहुंचना तय है।
मायावती ने लगा दिया था पोटा

आपको बता दें कि राजा भैया और मायावती के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। ना मायावती उनको पसंद करती हैं और ना राजा भैया को मायावती फूटी आंख सुहाती हैं। २००३ में तो राजा भैया के खिलाफ मायावती ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, जिसके बाद राजा भैया पर पोटा जैसी धाराएं लगीं और वो जेल चले गए। यही कारण है कि बीजेपी ने भी राजा भैया को अपने पक्ष में वोट करने के लिए कोशिश की है। सपा बसपा का खेल बिगाडऩे के लिए राजा भैया सहित उनके करीबी विधायक विनोद सरोज भाजपा के रडार पर हैं। बीजेपी के एक बड़े नेता की मानें तो इन लोगों से बातचीत पूरी हो चुकी है। और ये निर्दलीय विधायक राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोट करेंगे।
अब राजा किसे पहुंचाएंगे राज्यसभा

वैसे बीजेपी के इस दावे को इसलिए बल मिलता है कि राजा भैया के सीएम योगी आदित्यनाथ से अच्छे रिश्ते हैं। योगी आदित्यनाथ ने सत्ता में आते ही राजा भैया के भदरी रियासत के उस करोड़ों के खजाने को भी लौटाया था जिसे मायावती की गवर्नमेंट ने जब्त कर लिया था। लेकिन राजा भैया के रिश्ते अखिलेश यादव से भी अच्छे हैं वे अखिलेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, वहीं राजा भैया मुलायम सिंह को भी काफी मानते हैं। अब राजा भैया का वोट 23 मार्च को किसे मिलेगा यह तो राजा भैया ही जानें, लेकिन सपा और भाजपा के दावे भी अपने जगह पर कम नहीं हैं। अब राजा भैया पर निर्भर करता है कि वे बीएसपी के भीमराव अंबेडकर को राज्यसभा पहुंचाते हैं या भाजपा समर्थित अनिल अग्रवाल को।

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