scriptWoman health : अनियमित माहवारी होने पर जरूरी है डॉक्टर की सलाह | Woman health Irregular menstruation Doctor's advice | Patrika News

Woman health : अनियमित माहवारी होने पर जरूरी है डॉक्टर की सलाह

locationलखनऊPublished: Nov 03, 2020 06:50:21 pm

Submitted by:

Ritesh Singh

डाक्टर को दिखाने के बाद वह अब अच्छा महसूस कर रही हैं ।

Woman health Irregular menstruation Doctor's advice

Woman health Irregular menstruation Doctor’s advice

लखनऊ, चारबाग निवासी 44 वर्षीया अनीता, को नियमित माहवारी हो रही थी लेकिन अचानक ही उनकी माहवारी अनियमित हो गयी साथ ही उन्हें माहवारी के दौरान खून का स्राव ज्यादा होने लगा। उन्होंने सरकारी अस्पताल में जब अपनी जाँच कराई तो डाक्टर ने बताया कि यह मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति की स्थिति है । डाक्टर ने कहा- 45 -50 वर्ष की आयु में मेनोपॉज होता है और इस स्थिति में माहवारी अनियमित हो जाती है। अनीता बताती हैंकि माहवारी अनियमित होने पर वह बहुत घबरा गयी थीं उन्हें ऐसा लगता था कहीं उन्हें गर्भ तो नहीं ठहर गया या कैंसर तो नहीं हो गया । मानसिक तौर पर परेशान रहते थे। किसी भी काम में मन नहीं लगता था, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आता था लेकिन डाक्टर को दिखाने के बाद वह अब अच्छा महसूस कर रही हैं ।
इस सम्बन्ध में क्वीन मेरी अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक एवं महिला रोग विशेषज्ञ डा.एस.पी.जैसवार बताती हैं कि इस स्थिति में सबसे पहले तो चिकित्सकीय सलाह जरूरी है ताकि यह पता लग पाए कि मेनोपॉज है या अन्य कोई समस्या। यह स्पष्ट हो जाने पर कि महिला मेनोपॉज की स्थिति में है तो उसे इसके सम्बन्ध में परामर्श दिया जाना चाहिए। मेनोपॉज के दौरान प्रमुख लक्षण यह हैं। हॉट फ़्लैश यानि शरीर का गर्म होना, यौन गतिविधियों में कम रूचि, वेजाईना में सूखापन, वजन का बढ़ना, मेटाबोलिज्म कम होना, यूरिनरी ट्रेक्ट इन्फेक्शन, बार-बार पेशाब जाना, डिप्रेशन, बालों और त्वचा में बदलाव।
डा. जैसवार बताती हैं कि मेनोपॉज 45-50 वर्ष की आयु के बीच होता है लेकिन इसके पहले माहवारी में अनियमितता आना पेरिमेनोपॉज कहलाती है यदि महिला की आयु 40 वर्ष है तो उसकी माहवारी का समय कम या ज्यादा हो सकता है, रक्तस्राव कम या ज्यादा हो सकता है तथा 45-50 की उम्र तक आते-आते माहवारी बंद हो जाती है | माहवारी का बंद होना मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति कहलाता है । महिलाओं में ओव्यूलेशन बंद हो जाता है और एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्ट्रान हारमोन स्राव में कमी आती है जिसके कारण अनियमित माहवारी होती है और मेनोपॉज हो जाता है । इसमें घबराने की जरूरत नहीं होती है। प्रशिक्षित डाक्टर को दिखाएं और उनके सुझावों पर अमल करें। यह एक प्राकृतिक क्रिया है। मेनोपॉज की स्थिति में महिलाएं गर्भधारण नहीं कर सकती हैं।
डा. जैसवार के अनुसार मेनोपॉज के दौरान महिलाओं को डिब्बाबंद और जंक फूड के सेवन की बजाय संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। नमक और कैफीन भी कम मात्रा में लें। संतुलित आहार में फाइबरयुक्त भोजन , साबुत अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें । मेनोपॉज के बाद शरीर को कैल्शियम की जरूरत होती है और ओस्टियोपोरोसिस होने की भी संभावना होती है ऐसे में दूध व दूध से बने पदार्थ और डाक्टर की सलाह पर कैल्शियम सप्लीमेंट लें | मेटाबोलिज्म कम होने के कारण वजन बढ़ता है ऐसे में प्रतिदिन 30 मिनट व्यायाम करें ।
//?feature=oembed
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो