डॉ नीलम विनय ने बताया कि हम सभी स्त्रीरोग संबंधी बीमारियों के इलाज में विशेषज्ञ हैं, जिनमें अनियमित मासिक धर्म, किशोर लड़कियों होने वाली समस्याएं, ट्यूमर, गर्भाशय फाइब्रॉयड और गर्भाशय के प्रोलेप्स जैसे विकार शामिल हैं। हमारे पास स्त्री रोग संबंधी कैंसर जैसे ओवेरियन, एंडोमेट्रियल और सर्वाइकल कैंसर के लिए विशेष क्लीनिक हैं। जल्द ही हम बांझपन के इलाज के लिए आईवीएफ की सुविधा भी शुरू करेंगे। लखनऊ में महिलाओं को अब किसी भी स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत के लिए शहर से बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अस्पताल में एक विशेष रूप से 24x7 ब्लड बैंक द्वारा समर्थित गंभीर रूप से बीमार महिलाओं के लिए विश्व स्तरीय आईसीयू और एचडीयू (हाई डिपेंडेंसी यूनिट) की सुविधा है। संस्थान न केवल गर्भवती महिलाओं की देखभाल करने में विशेषज्ञ होगा, बल्कि गर्भावस्था के दौरान सभी विशेष अल्ट्रासाउंड स्कैन भी यहां मौजूद है। साथ ही जटिल फीटल समस्याओं का फीटल इनवेसिव प्रोसीजर से निदान और उपचार के लिए चिकित्सकीय एवं तकनीकी रूप से सुसज्जित है।
नियोनेटोलॉजी विभाग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. आकाश पंडिता नियोनेटल सर्विसेस के हेड हैं। जिन्होंने बताया कि नवजात ट्रांसपोर्ट सुविधाओं के साथ राज्य में अपनी तरह का पहला लेवल-3 एनआईसीयू है। मेदांता लखनऊ में एनआईसीयू गंभीर रूप से बीमार बच्चों के इलाज के लिए आवश्यक सभी नवीनतम सुविधाएं प्रदान करेगा। इनमें से कुछ सुविधाएं शहर में पहली बार उपलब्ध होंगी, जैसे वॉल्यूम-टारगेटेड वेंटिलेशन, हाई फ्रीक्वेंसी वेंटिलेशन, पॉइंट-ऑफ-केयर अल्ट्रासाउंड, इकोकार्डियोग्राफी, चिकित्सीय हाइपोथर्मिया, इनहेल्ड नाइट्रिक ऑक्साइड और टोटल पैरेन्टेरल न्यट्रीशन। यह नवजात शिशुओं के विकासात्मक सपोर्टिंग केयर को भी बढ़ावा देगा जैसे कि डे-लाइट साइकिलिंग फेसीलिटी और कंगारू मदर केयर की सुविधा।
विश्व स्तरीय लेवल-3 एनआईसीयू में 1 किलो से कम वजन वाले बेहद छोटे प्रीटर्म शिशुओं की देखभाल होगी। यहां ट्रांसपोर्ट इन्क्यूबेटरों, डबल वॉल इन्क्यूबेटरों और नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन तकनीक जैसे नॉन-इनवेसिव मैकेनिकल वेंटिलेशन (एनआईएमवी), कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (सीपीएपी) और हीटेड ह्यूमिडिफाइड हाई-फ्लो नेज़ल कैनुला (एचएचएचएफएनसी) की सुविधा भी मौजूद रहेगी। डॉ पंडिता ने कहा कि यहां पर डिवीजन नॉन-इनवेसिव सर्फेक्टेंट तकनीक एसयूआरई (सर्फेक्टेंट विडआऊट एंडोथ्रैकियल ट्यूब इंट्यूबेशन) भी शुरू होगी। ये सुविधा भारत में पहली बार शुरू करने का श्रेय हॉस्पिटल को जाता है। नियोनेटल टीम में पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी, पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, हेमेटोलॉजी, कार्डियक थोरैसिक सर्जन और सीटीवीएस के सहायक की देखभाल भी मिलेगी।