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मेयर के लिए महिलाओं में होगा तगड़ा मुकाबला

locationलखनऊPublished: Oct 13, 2017 05:19:01 pm

Submitted by:

Prashant Srivastava

नगर निकाय चुनाव में इस बरा वुमेन पॉवर का डंका बजेगा।

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लखनऊ. नगर निकाय चुनाव में इस बरा वुमेन पॉवर का डंका बजेगा। नगर विकास विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक 16 नगर निगमों में से 6 नगर निगमों में महापौर की सीट महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है। इनमें लखनऊ समेत कानपुर, मेरठ, फिरोजाबाद, वाराणसी व गाजियाबाद शामिल हैं। फिरोजाबद व वाराणसी में महिला ओबीसी के लिए आरक्षित है।
लखनऊ में पहली बार महिला मेयर

लखनऊ में निकाय चुनाव के इतिहास में पहली बार महिला मेयर चुनेगा। नगर महापालिका बनने से लेकर आज तक शहर के प्रथम नागरिक की कुर्सी पर कभी कोई महिला काबिज नहीं हुई। अगर कोई बदलाव न हुआ तो इस बार लखनऊ महिला मेयर ही चुनेगा। ऐसे में सभी दलों में महिला नेता एक्टिव हो गई हैं और टिकट के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया। बीजेपी की ओर से पहले ही महिला उम्मीदवार घोषित होने की उम्मीद थी। अब कांग्रेस, सपा , बसपा व आम आदमी पार्टी में भी टिकट को लेकर माथा मच्ची शुरू हो गई है।
महंत दिव्यागिरी का नाम आगे

लखनऊ में पिछले चार चुनावों से बीजेपी जीतती आ रही है। बीजेपी में मेयर की कुर्सी के लिए पूर्व राज्यसभा सांसद कुसुम राय, मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्यागिरि, पूर्व पार्षद और भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय में शिक्षक प्रो. रंजना द्विवेदी का नाम तेजी से बढ़ रहा है। वहीं इसके अलावा मंत्री बृजेश पाठक की पत्नी नम्रता पाठक, विधायक नीरज बोरा की पत्नी बिंदु बोरा, व सपा से बीजेपी में आईं श्वेता सिंह के नाम की भी चर्चा है। अल्पसंख्यक मोर्चा की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रुमाना सिद्दीकी भी दावेदारों में शामिल हैं।
अपर्णा पर दांव लगा सकती है सपा

विपक्षी दलों की अगर बात करें तो कांग्रेस में अखिलेश दास की पत्नी अल्का दास, पूर्व मंत्री गोपीनाथ दीक्षित की बेटी आरती बाजपेई का नाम चर्चा में लिया जा रहा है। बीएसपी और आम आदमी पार्टी की ओर से अभी तक नामों पर चर्चा नहीं है।परिवार की बहू अपर्णा यादव, पार्टी की प्रवक्ता जूही सिंह, एमएलसी मधु गुप्ता का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है। मुलायम का दखल रहा तो अपर्णा सबसे मजबूत दावेदारों में रहेंगी। अपर्णा विधानसभा चुनाव में शिकस्त के बावजूद समाजिक कार्यों में पिछले दिनों काफी एक्टिव रही हैं।
राजधानी में -कब कौन रहा मेयर

1960 नगर महापालिका बनने पर राजकुमार श्रीवास्तव बने नगर प्रमुख

1961 गिरिराज धरणा रस्तोगी

1962 से 1964 पुरुषोत्तम दास कपूर

1964 से 1964 के. वीआर मोहन(एमएलसी)
1965 से 1966 ओम नारायण बंसल

1968 से 1969 डॉ. मदन मोहन सिंह सिद्धू

1969 से 1970 बालक राम वैश्य

1970 से 1971 बेनी प्रसाद हलवासिया

1971 से 1973 डॉ. दाऊ जी गुप्त
1989 से 1992 डॉ. दाऊजी गुप्त

1993 से 1995 अखिलेश दास गुप्ता

1995 से 2006 डॉ. एससी राय

2006 से 2017 दिनेश शर्मा

राजधानी में करीब 45 वॉर्डों में अंतिम आरक्षण का बदलाव किया गया है। सबसे ज्यादा दावे और आपत्तियां शारदा नगर वॉर्ड प्रथम को लेकर की गई हैं। शिकायतकर्ताओं ने इस वॉर्ड को सामान्य करने के लिए दावा और आपत्तियां दाखिल की हैं। इसके अलावा कन्हैया माधौपुर द्वितीय वॉर्ड, मल्लाही टोला वॉर्ड, राजेंद्र नगर, शहीद भगत सिंह वॉर्ड सहित करीब दर्जन भर वॉर्डों में पांच से अधिक दावे व आपत्तियां मिली हैं। जिले इटौंजा नगर पंचायत के जुलाहनटोला वॉर्ड के अनन्तिम आरक्षण को बदलने को लेकर अकेले 12 दावे व आपत्तियां दाखिल की गई हैं। आठ नगर पंचायतों के वॉर्डों के लिए जारी आरक्षण की अनन्तिम आरक्षण लिस्ट में फेरबदल के लिए कुल 17 आपत्तियां मिली हैं।
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