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20 करोड़ से बनेंगी डीएनए प्रयोगशालाएं
पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह (Director General of Police Om Prakash Singh) के मुताबिक राज्य सरकार (UP Govt) के इन फैसलों के क्रियान्यवन के लिए तीनों ही योजनाओं पर दिन-रात काम चल रहा है। राज्य में फिलहाल दो स्थानों पर डीएनए प्रयोगशाला बनाई जा रही है। पहली बनारस में और दूसरी आगरा में। एक प्रयोगशाला के निर्माण पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। केंद्रीय औद्योगिक बल (Central industrial force) के महानिदेशक रह चुके सिंह ने बताया कि आबादी के नजरिए से उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा राज्य है, पुलिस बल की तादाद भी काफी है। डीएनए प्रयोगशाला की जरूरत पूरे सूबे की पुलिस को है। लिहाजा, इसका फायदा शुरुआती दौर में पूरे राज्य की पुलिस को मिल जाए, ताकि राज्य में सजा का प्रतिशत बढ़ाया जा सके। साथ ही एक डीएनए प्रयोगशाला पश्चिमी उत्तर प्रदेश (आगरा), जबकि दूसरी पूर्वी उत्तर प्रदेश (बनारस) के पुलिसकर्मियों के लिए मददगार साबित हो सके। इस बात को ध्यान में रखकर ऐसा किया गया है। पुलिस महानिदेशक (Director General of police) के अनुसार, दोनों प्रयोगशालाएं (डीएनए) 2019 के अंत तक काम करने लगेंगी। इन दोनों डीएनए प्रयोगशालाओं में जांच की अन्य सुविधाएं, मसलन फॉरेंसिक साइंस इत्यादि भी उपलब्ध होंगी। विधि-विज्ञान संबंधी जांच की सुविधाएं एक ही छत के नीचे मुहैया होंगी, ताकि पुलिसकर्मियों का श्रम-समय और सरकारी धन तीनों को बचाया जा सके।
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गुजरात के बाद यूपी में पुलिस यूनिवर्सिटी
उल्लेखनीय है कि देश में फिलहाल गुजरात इकलौता ऐसा राज्य है, जहां की पुलिस के पास अपनी डीएनए और विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (फॉरेंसिंक साइंस लैबोरेट्री) (Forensic Science Laboratory) है। बनारस और आगरा में दो अलग-अलग डीएनए और फॉरेंसिंक साइंस प्रयोगशालाएं खुलने के साथ ही उत्तर प्रदेश देश का पहला दो डीएनए प्रयोगशाला वाला राज्य बन जाएगा। सिंह ने राज्य में दो डीएनए प्रयोगशालाएं खुलने अन्य लाभ गिनाए, डीएनए और विधि विज्ञान प्रयोगशालाएं खुलने से खासकर पॉक्सो एक्ट के तहत अदालतों में लंबे समय से विचाराधीन मामलों में सजा का अनुपात एकदम ऊंचाई पर पहुंचने की उम्मीद है।
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महिला बटालियन के गठन पर होगा 150 करोड़ का खर्च
राज्य सरकार ने पुलिस उत्थान के क्रम में सूबे में पहली बार पीएसी जैसे मजबूत बल की तीन महिला बटालियन बनाने को मंजूरी दे दी है। यह काम भी अंतिम चरण में है। पीएसी में तीन महिला बटालियन के गठन पर करीब डेढ़ अरब रुपये (150 करोड़ रुपये) लागत का अनुमान है। प्रति बटालियन एक हजार के हिसाब से तीन बटालियन में करीब तीन हजार महिला पुलिसकर्मियों (पीएसी में) के नए पद भी राज्य की सरकारी सेवा के लिए सृजित किए जाएंगे।