मजदूरी करने वाली महिलाओं को मिलेगी प्रोत्साहन राशि- स्टेट नोडल अधिकारी ने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर योजना की बुनियादी उद्देश्यों से अवगत कराया। साथ ही पत्र के जरिये बताया गया कि योजना का उद्देश्य सुरक्षित मातृत्व को बढ़ावा देना है। यह प्रोत्साहन राशि मजदूरी करने वाली महिलाओं के लिए आंशिक नुकसान भरपाई के रूप में दी जा रही है ताकि माताएं प्रथम शिशु के जन्म से पहले एवं बाद में आवश्यक विश्राम प्राप्त कर सके।
बैंक खाते में पहुंचेगा पैसा- पत्र के माध्यम से बताया गया कि इस योजना के माध्यम से समाज के सबसे कमजोर तबके को लाभ पहुंचाने के लिए उनके बैंक अकाउंट में सही समय पर सीधा पैसा डाला जा रहा है। आचार संहिता के कारण कैश ट्रान्सफर में कोई दिक्कत आने पर लाभार्थी सही वक़्त पर योजना का लाभ लेने से वंचित हो सकते हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा योजना के विषय में भारत निर्वाचन को विस्तार से दिए गए जानकारी के आधार पर निर्वाचन आयोग ने इस योजना को आचार संहिता से दूर रखने का निर्देश दिया है।
क्या है योजना- इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को पहले बच्चे के लिए 5000 रुपये की सहायक धनराशि दी जाती है जो सीधे गर्भवती महिलाओं के खाते में पहुंचती है। इस धनराशि को तीन किस्तों में दिया जाता है। गर्भवती महिला को पंजीकरण कराने पर पहली किस्त 1000 रुपये दी जाती है। दूसरी किस्त में 2000 रुपये गर्भ धारण के छः माह बाद कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच कराने के उपरांत दी जाती है। तीसरी और अंतिम किस्त में 2000 रुपये बच्चे के पहले चक्र के टीकाकरण पूर्ण कराने पर दी जाती है।