बिहार के महत्वपूर्ण तीर्थ गया में भगवान विष्णु के पद आज भी विष्णुपद मंदिर परिसर में देखे जा सकते हैं। इसलिए वहां किया गया पितृदान सर्वाधिक कल्याणकारी रहता है। कहा जाता है कि वहां फल्गु नदी के तट पर पिंडदान करने से मृत व्यक्ति को बैकुण्ठ की प्राप्ति होती है। इसीलिए खासतौर से जो गया नहीं जा सकते हैं उनके लिए पूर्णिमा पर आदि गंगा की महा आरती से पहले मनकामेश्वर घाट उपवन में भगवान विष्णु के पद का चित्र बनाकर पूजन अर्चन किया जाएगा। उसके बाद ही भक्त जन वहां पूजन दान कर सकेंगे। शाम को परंपरा के अनुसार आरती की जाएगी।
पहली बार मंदिर की ओर से मनकामेश्वर घाट उपवन में बच्चों को अपने अपने अभिभावकों संग आमंत्रित किया जाएगा। इसमें बच्चों ने अपने अभिभावकों मस्तक पर हल्दी, रोली, चंदन के टीके लगाकर अभिनंदन किया और पैर छूकर आशीर्वाद हासिल करेंगे।
11 मंचों से महंत देव्यागिरि की अगुआई में होगी आरती। नमोस्तुते माँ गोमती एवं मनकामेश्वर मठ मंदिर की श्रीमहंत दिव्यगिरी जी महाराज ने 11 मंचों से मां गोमती की महा आरती 25 अगस्त 2018 दिन मंगलवार को होगी। पंडित शिव राम अवस्थी के आचार्यत्व में सभी वेदियों पर एक ही वेश भूषा में सभी पंडितों ने मंत्रों उच्चार के साथ माँ गोमती की आरती और पूजा अर्चना की जाएगी।