अस्पताल में बेड खाली, बाहर तड़प रहे मरीज!
बस्ती. जिले में अस्पताल के अंदर बेड खाली है और बाहर वेटिंग में मरीज तड़प रहे हैं। महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कालेज से संबद्ध कैली हास्पिटल 350 बेड का है लेकिन लगभग 200 बेड ही संचालित किए जा रहे हैं। पांच वार्डों में लगे डेढ़ सौ बेड ताले में कैद हैं। कैली हास्पिटल को कोविड का एल टू हास्पिटल बनाया गया है। मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सुविधा मिले, इसके लिए कोरोना की पहली लहर में ही संसाधनों से इसे लैस किया गया है। 107 वेटिंलेटर मुहैया कराए गए। इसके अलावा आरटीपीसीआर जांच के लिए अत्याधुनिक लैब, सीटी स्कैन सहित अन्य जरूरी इंतजाम किए गए।
रिवाल्वर के दम पर की जेवरात समेत 20 हजार की लूट!
ललितपुर. जिले के एक गांव के दबंग प्रबृत्ति के एक व्यक्ति पर अपने साथियों के साथ मिलकर एक ग्रामीण के घर में घुसकर उसके सीने पर रिवाल्वर रखकर घर में रखे बक्से में से सोने चांदी के जेवरातों के साथ नगदी लूटने का आरोप लगाया है। इतना ही नहीं ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि जब उसने उन लोगों की इस हरकत का विरोध किया तो सभी ने मिलकर एक राय होकर उसके साथ गाली गलौज कर मारपीट की तथा जान से मारने की धमकी भी दी। घटना के संबंध में पीड़ित ने न्यायालय के आदेश पर सभी आरोपियों के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया गया।
650 रूपए प्रति कुंतल से अधिक बेची लकड़ी तो होगी कार्रवाई
गाजीपुर. कोरोना महामारी के दौर में कोरोना से या अन्य बीमारी से लोगों के मौत का आंकड़ा बढ़ गया। शमशान घाट पर दाहसंस्कार के लिए लकड़िया भी आसमान छूने लगे थे। लकड़ियों के बढ़े दामो पर बेचने की शिकायत जिला प्रशासन को भी मिल रही थी। इन्ही सब बातों को लेकर डीएम एमपी सिंह ने सख्ती दिखाते हुए सबसे पहले निगरानी समिति बनाई। ताकि वह श्मशान घाटों पर अपनी पैनी निगाह रख सके। साथ ही दाहसंस्कार के लिए रखी गई लकड़ियों का अधिकतम रेट भी तय कर दिया है। लकड़ियों का अधिकतम मूल्य 650 रूपये प्रति कुंतल होगा। अगर इससे ज्यादे दामों पर लकड़िया बेचते पाए गए लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
गाज़ीपुर में शवो के जल विसर्जन पर लगी रोक
गाज़ीपुर. बिहार बॉर्डर से सटे गाज़ीपुर जिले में गंगा नदी में उतराए शवों की जो भयावह तस्वीरें दिखाई दी थी, उसके बाद स्थानीय प्रशासन चौकन्ना हो गया है। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक खुद मौके का मुआयना कर रहे हैं और उनके निर्देशन पर अधिकारी पुलिस टीम के साथ गंगा नदी और उसके किनारे के स्थित सभी श्मशानघाटों का लगातार निरीक्षण कर रहे हैं और गंगा से शवों को निकाल कर उसका डिस्पोजल भी कर रहे हैं, जिससे संक्रामक रोग न फैले। अब इसके बाद शवों के जल विसर्जन पर सख्ती से रोक भी लगा दी गई है, क्योंकि शासन का निर्देश भी है कि गंगा में विसर्जन न हो।