प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सबसे बड़े रोजगार कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित किया। इस रोजगार कार्यक्रम से उत्तर प्रदेश के सवा करोड़ से ज्यादा नौकरी और रोजगार पाने वाले लोग जुड़े। इसमें तीन प्रकार के रोजगार के कार्यक्रम शामिल हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से प्रदेश के सवाकरोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी और रोजगार मिला। इसमें अन्य राज्यों से घर लौटे श्रमिक और कामगार के साथ-साथ स्थानीय लोग भी शामिल हैं।
‘आत्म निर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान’ में रोजगार कार्यक्रम में तीन प्रकार के रोजगार शामिल हैं। पहला भारत सरकार का आत्मनिर्भर भारत रोजगार कार्यक्रम जिसे भारत सरकार ने शुरू किया है। दूसरा एमएसएमई सेक्टर है। तीसरा कार्यक्रम स्वत: रोजगार का है। इसमें वे लोग शामिल हैं जिसमें उनके उद्यम के लिए बैंकों और सरकारी प्रयासों से कर्ज दिलाकर उनके रोजगार और उद्यम को शुरू करवाया गया है।
देश का सबसे बड़ा रोजगार कार्यक्रम
देश का यह सबसे बड़ा रोजगार कार्यक्रम है। दिल्ली से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ऑनलाइन लाभार्थियों से मुखातिब हुए। एक दिन में सवा करोड़ से ज्यादा लोगों को नौकरी और रोजगार देने वाले इस कार्यक्रम में प्रवासी श्रमिक और स्थानीय लोग शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन माध्यम से उत्तर प्रदेश के 6 जिलों के लाभार्थियों से भी बात की। जबकि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से ऑनलाइन लाभार्थियों से बात की।
सरकार करा चुकी है प्रवासी श्रमिकों की स्किल मैपिंग
कोरोना संकट के दौरान आए 36 लाख मजदूरों की स्किल मैपिंग का पूरा डेटा बैंक सरकार के पास है। इन श्रमिकों और कामगारों को मनरेगा, एक्सप्रेस वे, हाईवे, यूपीडा और एसएमई सेक्टर्स में बड़े पैमाने पर रोजगार मिला है।
प्रदेश के ये 31 जिले शामिल
देश के सबसे बड़े रोजगार अभियान में प्रदेश के गोंडा, बलरामपुर, अंबेडकर नगर, अमेठी, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बांदा, बस्ती, देवरिया, फतेहपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, हरदोई, जालौन, जौनपुर, कौशांबी, खीरी, कुशीनगर, महराजगंज, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, रायबरेली, संतकबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सीतापुर, सुलतानपुर, उन्नाव और वाराणसी जिलों को जोड़ा गया है।
पीएम केयर फंड से मिली 52 करोड़ की राशि
केंद्र सरकार ने पीएम-केयर फंड से उत्तर प्रदेश सरकार को 52 करोड़ रुपये का आवंटन किया था। श्रमिकों के रोजगार और पुनर्वास में इस रकम को खर्च किया जाएगा। केंद्र सरकार ने पीएम-केयर फंड से यूपी को 52 करोड़ 51 लाख से ज्यादा की रकम श्रमिकों की बेहतरी के लिए मिली है।