डॉ॰ बद्री विशाल का कहना है कि विवाह पंजीकरण को आधार से लिंक कराकर आशा कार्यकर्ताओं को सौंप दिया जाए तो वह उन तक शादी के बाद बच्चे के जन्म में अंतर रखने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। उन्होंने कहा-परिवार नियोजन साधनों की सेवा की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से प्रदेश के 58 जिलों में मिशन परिवार विकास के अंतर्गत कुछ सघन एवं उन्न्त परिवार नियोजन संबंधी सेवाएं शुरू की गई हैं। अंतरा और छाया को प्रदेश भर में अंतराल विधियों को बढ़ाने की दिशा में लागू किया गया है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए ममता संस्था के एक्जेक्यूटिव डाइरेक्टर डॉ॰ सुनील मेहरा ने इस दिशा में जन जागरूकता बढ़ाए जाने पर खास जोर दिया।
कार्यशाला को इन लोगों ने किया सांबोधित
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की महाप्रबन्धक-परिवार कल्याण डॉ॰ अल्पना शर्मा ने परिवार नियोजन को लेकर प्रदेश में चलाये जा रहे कार्यक्रमों और उनसे मिल रहे रिजल्ट पर विस्तार से प्रकाश डाला। लखनऊ के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ॰ नरेंद्र अग्रवाल, परिवार नियोजन विशेषज्ञ अरुणा नारायण, सिफ़प्सा की डॉ॰ रिंकू, किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ॰ सुजाता देव, डॉ॰ अर्चना, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के महाप्रबन्धक (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) डॉ॰ मनोज कुमार ने भी कार्यशाला को सांबोधित किया। कार्यशाला में मौजूद ममता के सहयोगी संस्थाओं सेंटर फ़ॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च, ग्लोबल हेल्थ सर्विसेज़, पी एस आई के प्रतिनिधियों के सवालों का जावाब देते हुए डॉ॰ मेहरा ने विभागों के आपसी तालमेल को बढ़ाकर परिवार नियोजन कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने की बात कही।