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मांओं के लिए प्रदेश सरकार ने दिया बड़ा तोहफा, ऐलान से खुशी की लहर

locationलखनऊPublished: Aug 04, 2019 11:05:09 am

Submitted by:

Ruchi Sharma

• नवजात के लिए स्तनपान उनका मौलिक अधिकार है • ईएमएस अधिनियम 2003 के तहत मिलता है यह अधिकार • अधिनियम में उल्लंघन करने पर जुर्माना और जेल भी संभव • एक अगस्त से शुरू हुआ विश्व स्तनपान सप्ताह 7 तक चलेगा

Cm yogi adityanath

सीएम योगी आदित्यनाथ

लखनऊ. प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर अब स्तनपान कार्नर बनेंगे। यह कहना है महाप्रबंधक, बाल स्वास्थ्य डॉक्टर वेद प्रकाश का।

महाप्रबंधक डॉक्टर वेद ने शनिवार को बताया कि प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर अब स्तनपान कार्नर बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस क्रम में हमारी कोशिश होगी है कि सभी विभागों की मदद से पहले इन स्थलों को चिन्हित किया जाए। फिर इसको स्तनपान कार्नर के रूप में विकसित किया जाए। गौरतलब है कि गुरुवार को मुरादाबाद की सीएमओ विनीता अग्निहोत्री और शुक्रवार को लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज इस मुद्दे आवश्यक निर्देश दे चुके हैं।
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स्तनपान एक मौलिक अधिकार

डॉक्टर वेद ने शनिवार को कहा कि शिशुओं के लिए स्तनपान उनका मौलिक अधिकार है। यह अधिकार उनको शिशु दुग्ध अनुकल्प, पोषण बोतल और शिशु खाद्य अधिनियम, 2003 के तहत मिलता है। ईएमएस अधिनियम में उल्लंघन करने पर 5000 रुपये जुर्माना और 2 साल जेल भेजने का भी प्रावधान है। उन्होने बताया कि समुदाय में ईएमएस अधिनियम, 2003 के बारे में समुदाय को जानकारी दी जा रही है ताकि इसके प्रावधानों के बारे में जागरूकता बढ़े और प्रदेश में स्तनपान को हर प्रकार से बढ़ावा मिले।
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सिर्फ इन परस्थितियों में ऊपरी संभाव

• माँ की मृत्यु हो गयी हो
• माँ को एचईवी/एड्स हो
• किसी कारणवश स्तनपान नहीं करवा सकती हो
• शिशु का परित्याग किया गया हो या उसे गोद लिया गया हो

अधिनियम की खासियत

• 2 साल से कम आयु के बच्चों को तैयार किये गए डिब्बा बंद अन्न पदार्थ का विज्ञापन या प्रोत्साहन देने पर रोक है
• किसी भी प्रसार माध्यम से मां के दूध का पर्याय समझाकर डिब्बाबंद पाउडर का प्रचार वर्जित है
• प्रसव पूर्व देखभाल और शिशु आहार के सम्बन्ध में शैक्षणिक सामग्री विज्ञापन हेतु दिशानिर्देश जारी हैं
• माँ और स्वास्थ्य सेवक की भेंट, वस्तु या अन्न पदार्थ के मुफ्त नमूने देने को वर्जित किया गया है
• शैक्षणिक साहित्य और बाल आहार के डिब्बे को सैंपल या डोनेशन के रूप में देने पर पाबंदी है
• बाल आहार के डिब्बों पर बच्चों या मां के चित्रों का प्रयोग नहीं करना चाहिए
• स्वास्थ्य संस्था को किसी भी प्रकार का डोनेशन देने के लिए कंपनियों पर पाबंदी है
• इस प्रकार की सामग्री की बिक्री के लिए कर्मचारियों को कोई भी प्रोत्साहन रुपी रकम पर पाबन्दी लगायी गयी है |
• सभी बोतलों पर अंग्रेजी तथा स्थानीय भाषा में लिखा होना चाहिए कि ‘स्तनपान सर्वोत्तम है’
• लेबल्स पर किसी भी महिला, शिशु व ऐसे किसी भी वाक्य का प्रयोग नहीं करना जो कि इस प्रकार के उत्पादों की बिक्री को बढ़ावा देते हों
• पोस्टर्स के द्वारा विज्ञापन पर मनाही

विश्व स्तनपान सप्ताह का उद्देश्य

• माता-पिता में स्तनपान को लेकर जागरूकता पैदा करना
• माता-पिता को स्तनपान को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना
• शुरुआत व अन्य स्तनपान के महत्व को लेकर जागरुकता पैदा करना और पर्याप्त एवं उचित पूरक आहार
• स्तनपान के महत्व से संबंधित सामग्री उपलब्ध कराना
• एक अगस्त से शुरू हुआ विश्व स्तनपान सप्ताह सात अगस्त तक चलेगा
• इस बार की थीम ‘स्तनपान के लिए सक्षम करने हेतु माता पिता का सशक्तिकरण’
स्तनपान आवश्यक है क्योंकि

• यह मां और बच्चे दोनों के बेहतर स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है
• यह प्रारंभिक अवस्था में दस्त और तीव्र श्वसन संक्रमण जैसे संक्रमणों को रोकता है और इससे शिशु मृत्यु दर में कमी आती है
• यह मां में स्तन कैंसर, अंडाशय के कैंसर, टाइप 2 मधुमेह और हृदय रोग विकसित होने के खतरे को कम करता है
• यह नवजात को मोटापे से संबंधित रोगों, डायबिटीज से बचाता है और आईक्यू बढ़ाता है
शिशु और छोटे बच्चे को दूध पिलाने के सही तरीके
• जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान की शुरुआत
• जन्म के बाद पहले छह महीने तक स्तनपान। अन्य प्रकार के दूध, आहार, पेय अथवा पानी को ‘न’
• स्तनपान को जारी रखते हुए छह महीने की आयु से उचित और पर्याप्त पूरक आहार
• दो वर्ष की आयु अथवा इसके बाद तक निरंतर स्तनपान

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